Senthil Balaji Case: तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी को सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा झटका, जमानत देने से किया इनकार
Senthil Balaji Case: मंत्री सेंथिल बालाजी को 14 जून को प्रवर्तन निदेशालय ने नौकरी के बदले कैश घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह तमिलनाडु की सेंट्रल जेल में बंद हैं।
Senthil Balaji Case: डीएमके नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री सेंथिल बालाजी को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। एक घोटाले के सिलसिले में जेल में बंद बालाजी ने मेडिकल ग्राउंड पर शीर्ष अदालत में जमानत के लिए याचिका दायर की थी। जिस पर आज यानी मंगलवार 28 नवंबर को सुनवाई हुई। अदालत ने कहा कि आपकी (बालाजी) हालत बहुत गंभीर नहीं है और आप नियमित जमानत के लिए लोअर कोर्ट जा सकते हैं। ये कहते हुए कोर्ट ने बेल देने से इनकार कर दिया।
मंत्री सेंथिल बालाजी को 14 जून को प्रवर्तन निदेशालय ने नौकरी के बदले कैश घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह तमिलनाडु की सेंट्रल जेल में बंद हैं। बालाजी ने इससे पहले जमानत के लिए मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 19 अक्टूबर को उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने अपने आदेश में यह कहा था कि बालाजी के स्वास्थ्य रिपोर्ट से ऐसा नहीं लगता है कि यह कोई ऐसी चिकित्सीय स्थिति है, जिसका उनके जमानत पर रहने के दौरान ही इलाज किया जा सकता है।
उच्च न्यायलय ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि अगर उन्हें जमानत प्रदान की जाती है तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। ईडी ने अदालत में इसका जिक्र करते हुए बेल की याचिका का पुरजोर विरोध किया था। हाईकोर्ट के इसी आदेश के खिलाफ बालाजी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। जहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी है।
रेगुलर बेल के लिए निचली अदालत जाएं – सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की पीठ ने मंत्री बालाजी की याचिका पर सुनवाई की, जिनमें जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस एस.सी शर्मा शामिल हैं। पीठ ने उन्हें रेगुलर बेल के लिए निचली अदालत जाने का सुझाव दिया। शीर्ष अदालत ने कहा, गुण-दोष के आधार पर याचिकाकर्ता के खिलाफ अंतरिम आदेश में की गई कोई भी टिप्पणी उसके नियमित जमानत आवेदन दाखिल करने के रास्ते मं नहीं आएंगे।
सेंथिल बालाजी पर क्या है आरोप ?
कैबिनेट मंत्री सेंथिल बालाजी पिछली अन्नाद्रमुक सरकार के दौरान परिवहन मंत्री थे। उसी दौरान उन्होंने नौकरी के बदले नकदी घोटाले को अंजाम दिया था। आरोप है कि नौकरी के एवज में उन्होंने उम्मीदवारों से पैसे लिए। ईडी ने इस मामले को लेकर उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर रखा है। 12 अगस्त को ईडी द्वारा इस मामले में 3000 से अधिक पन्नों की चार्जशीट पेश की गई, जिसमें सेंथिल बालाजी को आरोपी बनाकर उनके खिलाफ तमाम सबूत पेश किए।
प्रवर्तन निदेशालय ने 14 जून को बालाजी को उनके आवास से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी से पहले उनके घर और दफ्तर पर लंबी रेड चली थी। जांच एजेंसी जब उन्हें हिरासत में लेकर जा रही थी, तब भारी ड्रामा हुआ था। मंत्री और डीएमके के समर्थक बड़ी संख्या में वहां जुट गए थे और ईडी की कार्रवाई का विरोध कर रहे थे। बालाजी फिलहाल तमिलनाडु के पुजाल केंद्रीय जेल में बंद हैं। सीएम एमके स्टालिन ने उन्हें अभी तक मंत्री पद से नहीं हटाया है।