SC: हेमंत सोरेन की जमानत अर्जी सुनने इंकार, SC ने कपिल सिब्बल को लगाई तगड़ी फटकार, कही ये बात

Hemant Soren Hearing: सोरेन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी।

Report :  Viren Singh
Update:2024-05-22 14:21 IST

Hemant Soren Hearing (सोशल मीडिया)

Hemant Soren Hearing: सुप्रीम कोर्ट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बड़ा झटका मिला है। उन्हें अब जेल में भी अपने दिन बीतने होंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मिली जनामत की तरह जमीन घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग में जेल में बंद हेमंत सोरेन ने भी चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट में जमानत अर्जी डाली थी, जिसको शीर्ष अदालत ने सुनने से इंनकार दिया। साथ ही, हेमंत सोरेन की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील कपिल सिब्बल को कड़ी फटकार लगाई औरक उनके इस आचारण को गलत करार दिया। कोर्ट ने फटाकर के बाद कपिल सिब्बल ने सोरेन की जमानत याचिका शीर्ष अदालत से वापस ले ली।

वापस ली अंतरिम जमानत याचिका 

दरअसल, सोरेन ने हाल ही में कोर्ट में याचिका दायर कर लोकसभा चुनाव के मद्देनजर खुद के लिए जमानत मांगी थी। इस अंतरिम रिहाई की मांग वाली याचिका पर शीर्ष अदालत के न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने बुधवार को सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया और सोरेन को राहत देने से इनकार कर दिया। इस दौरान पीठ ने सोरेन की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल को "तथ्यों को छिपाने" के लिए कड़ी फटकार भी लगाई। इस फटकार के बाद सिब्बल ने कोर्ट ने अंतिरम जमानत याचिका को वापस ले लिया। हेमंत सोरेन की जमातन के लिए उनके वकील कपिल सिब्बल ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष भी जमानत याचिका दायर की थी, जिस तथ्यों को छिपाने को लेकर शीर्ष अदालत ने कपिल सिब्बल को फटकार लगाई। इस फटाकार के बाद सिब्बल ने कोर्ट ने अंतरिम जमानत याचिका वापस ले ली।

सिब्बल को कोर्ट ने लगाई फटकार

सुनवाई के दौरान पीठ ने कपिल सिब्बल से कहा कि अगर कोर्ट ने इस मामले को अधिक विस्तार से देखने लगी तो ये पूर्व मुख्यमंत्री के लिए नुकसानदेह होगा। आपका आचरण काफी कुछ बयां कर रहा है। हमें उम्मीद थी कि आपका मुवक्किल स्पष्टवादिता के साथ आएगा, लेकिन आपने महत्वपूर्ण तथ्यों को दबा दिया।

जब कपिल सिब्बल ने कोर्ट में सोरेन के बचाव करने की कोशिश की और कहा कि वह हिरासत में हैं और उन्हें अदालतों में दायर की जा रही याचिकाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसपर कोर्ट ने कहा कपिल सिब्बल से कहा कि आपका आचरण बेदाग नहीं है। पूर्व सीएम कोई आम आदमी नहीं हैं। पीठ ने सिब्बल से कहा, जब उन्होंने सोरेन का बचाव करने की कोशिश की और कहा कि वह हिरासत में हैं और उन्हें अदालतों में दायर की जा रही याचिकाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसके बाद सिब्बल याचिका वापस लेने पर सहमत हो गए, जिसे पीठ ने अनुमति दे दी।

केजरीवाल का दिया गया हवाला 

सोरेन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट में इस अपील में उनके वकील प्रज्ञा बघेल ने तर्क दिया कि एचसी ने उनकी याचिका खारिज करके गलती की है। ईडी ने अपनी ओर से पहले अदालत को सूचित किया था कि जनवरी में सोरेन की गिरफ्तारी को झारखंड उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था। इसमें कहा गया है कि उनकी जमानत याचिका भी उच्च न्यायालय ने 13 मई को खारिज कर दी थी।

जानिए क्यों हुई गिरफ्तारी?

ईडी रांची में 8.86 भूखंड के संबंध में आरोपों की जांच कर रही है, जिसे सोरेन ने कथित तौर पर अवैध रूप से हासिल किया था। झामुमो प्रमुख को रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में रखा गया है। ईडी ने उन्हें 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था।

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