CJI ने याचिका किया खारिज, कहा-आप कौन होते हैं आपराधिक कानूनों को चुनौती देने वाले?

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आपके पास इस मामले में हस्तक्षेप करने का ही अधिकार नहीं है। जनहित याचिका में गृह और कानून मंत्रालय को पक्षकार बनाने की मांग की गई थी।

Update:2024-02-26 16:16 IST

Supreme Court  (photo: social media )

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने तीन नए आपराधिक कानूनों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। एक जुलाई से देश में तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य कानून लागू हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने याचिका से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आप कौन होते हैं नए आपराधिक कानूनों को चुनौती देने वाले?

आपको इस मामले में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं‘

मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आपके पास इस मामले में हस्तक्षेप करने का ही अधिकार नहीं है। जनहित याचिका में गृह और कानून मंत्रालय को पक्षकार बनाने की मांग की गई थी। तीनों नए आपराधिक कानून देश में न्याय व्यवस्था में बड़े बदलाव लेकर आएंगे और एक जुलाई से देशभर में लागू हो जाएंगे। सरकार ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

तीनों नए आपराधिक कानून अंग्रेजी शासन काल के आईपीसी (इंडियन पीनल कोड), सीआरपीसी (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) और इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 की जगह लेंगे। बीते साल 21 दिसंबर को इन नए कानूनों को संसद की मंजूरी मिली थी और 25 दिसंबर को राष्ट्रपति ने इन्हें अपनी मंजूरी दी थी।

हिट एंड रन मामले में नए प्रावधान अभी नहीं होंगे लागू

हालांकि अभी हिट एंड रन मामले से जुड़े प्रावधान पर अमल नहीं होगा। दरअसल बीते दिनों देशभर में ड्राइवरों ने हड़ताल कर हिट एंड रन मामले में नए प्रावधानों का विरोध किया था। जिस पर सरकार ने आश्वासन दिया था कि इस कानून को ड्राइवर यूनियन से चर्चा के बाद अमल में लाया जाएगा। सरकार ने नोटिफिकेशन में बताया है कि अभी भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(2) को अमल में नहीं लाया जाएगा। भारतीय न्याय संहिता में कुल 358 धाराएं हैं, जिसमें 20 नए अपराधों को परिभाषित किया गया है। देशभर के पुलिसकर्मियों को फिलहाल नए कानूनों की ट्रेनिंग दी जा रही है।

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