Chandigarh Mayor Election: पीठासीन अधिकारी को सुप्रीम फटकार, कहा-आप पर केस चलाया जाना चाहिए

Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले रविवार रात को भाजपा मेयर मनोज सोनकर ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भाजपा में शामिल हो गए। इस तरह से अब भाजपा के पास 18 वोट हो गए हैं। पिछली बार अकाली पार्षद हरदीप सिंह ने भी भाजपा को वोट दिया था। ऐसे में भाजपा के पास बहुमत का जादुई आंकड़ा 19 है।

Update: 2024-02-19 12:00 GMT

चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी को लगाई फटकार, कहा-आप पर केस चलाया जाना चाहिए : Photo- Social Media

Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव के पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर आज भी कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए क्योंकि वह चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे थे।

चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट में पिछली सुनवाई में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सख्त रुख अपनाया था और जैसी टिप्पणी की थी उसे देखते हुए तो यही लगता है कि दोबारा चुनाव कराने का आदेश जारी हो सकता है।

30 जनवरी को हुआ था चुनाव

30 जनवरी को हुए मेयर चुनाव में प्रशासन की ओर से नियुक्त पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने आठ पार्षदों के वोट को अवैध करार दिया था, जिसके बाद भाजपा के मनोज सोनकर को मेयर बनाया गया। लेकिन आम आदमी पार्टी के पार्षद व मेयर उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने इसे चुनौती देते हुए पहले हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

एक वीडियो भी वायरल हुई थी

चुनाव के पीठासीन अधिकारी की एक वीडियो भी वायरल हुई थी, जिसमें वह कथित रूप से अवैध करार दिए पार्षदों के वोटों पर निशान लगाते दिखाई दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर चंडीगढ़ प्रशासन को फटकार लगाई थी और मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को तय की थी।

फिर चुनाव हुआ तो भी भाजपा ही जीतेगी!

वहीं चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले रविवार रात को भाजपा मेयर मनोज सोनकर ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भाजपा में शामिल हो गए। इस तरह से अब भाजपा के पास 18 वोट हो गए हैं। पिछली बार अकाली पार्षद हरदीप सिंह ने भी भाजपा को वोट दिया था। ऐसे में भाजपा के पास बहुमत का जादुई आंकड़ा 19 है। अब अगर सुप्रीम कोर्ट दोबारा चुनाव कराने के आदेश जारी करता है तो भाजपा की जीत तय है।

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