सुप्रीम कोर्ट ने कहा- भारत के संविधान के दायरे से बाहर नहीं है जम्मू-कश्मीर

जम्मू और कश्मीर भारतीय संविधान से ऊपर नहीं है। यह टिप्पणी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की राय को दरकिनार करते हुए की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य को भारत के संविधान के बाहर कोई संप्रभुता हासिल नहीं है।

Update:2016-12-17 15:46 IST

नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर भारतीय संविधान से ऊपर नहीं है। यह टिप्पणी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की राय को दरकिनार करते हुए की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य को भारत के संविधान के बाहर कोई संप्रभुता हासिल नहीं है। जस्टिस कुरियन जोसफ और आर नरीमन की बेंच ने 1957 में लागू जम्मू-कश्मीर के संविधान की प्रस्तावना के जिक्र में यह टिप्पणी की।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी एसबीआई की याचिका पर सुनवाई के दौरान की। मामला सिक्योरिटाइजेशन एंड रीकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल एसेट्स एंड इंफोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटी इंट्रस्ट एक्ट (एसएएफएईएसआई) 2002 के राज्य में क्रियान्वयन से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला देते हुए कहा कि यह कानून राज्य में लागू करने के लिए मान्य है। इस पर जम्मू और कश्मीर हाई कोर्ट ने फैसला दिया था कि यह कानून राज्य पर लागू नहीं किया जा सकता जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने कहा था कि संसद के पास कानून बनाने की पात्रता नहीं है, अगर ये राज्य से जुड़े हों। जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट ने कहा था कि कश्मीर संप्रभु राज्य है और राज्य के पास 'संप्रभुता' और 'संप्रभु शक्तियां' हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के बाहर जम्मू-कश्मीर को कोई भी शक्ति नहीं दी जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा ?

-यह साफ है कि जम्मू-कश्मीर राज्य के पास भारत के संविधान और उसके अपने संविधान के दायरे के बाहर कोई संप्रभुता नहीं मिली हुई है।

-जम्मू-कश्मीर के नागरिकों पर पहले देश का संविधान लागू होता है।

-इसके अलावा जम्मू-कश्मीर का संविधान भी लागू होता है।

-जम्मू-कश्मीर के संविधान को भारतीय संविधान के बराबर मानना गलत है।

-कोर्ट ने कहा कि भारतीय संविधान और जम्मू-कश्मीर के संविधान में कोई टकराव नहीं है।

-कोर्ट ने कहा कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 1 और जम्मू-कश्मीर के संविधान के सेक्शन 3 से यह साफ होता है कि भारत राज्यों का संघ है।

-जम्मू-कश्मीर राज्य भारतीय संघ का अभिन्न हिस्सा है।

-कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के नागरिक सबसे पहले भारतीय नागरिक हैं।

-राज्य में लोगों के लिए शासन-प्रशासन की व्यवस्था बनाए रखने के लिए पहले भारतीय संविधान और फिर राज्य के अपने संविधान का सहारा लिया जाता है।

-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस तरह से विचार रखने के लिए इसलिए मजबूर हुई है क्योंकि हाई कोर्ट ने अपने फैसले में संप्रभुता का जिक्र इस तरह से किया है, जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है।

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