'हमें सीएम से ही चाहिए हलफनामा', जब इस राज्य का मुख्यमंत्री आया सुप्रीम कोर्ट के निशाने पर?

Delhi News : सुप्रीम कोर्ट ने आईएफएस अधिकारी की नियुक्ति मामले पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी पर तीखी टिप्प्णी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सामंती युग नहीं है कि राजाजी जैसा बोलें वैसा ही होगा।

Report :  Rajnish Verma
Update: 2024-09-04 12:42 GMT

Delhi News : केंद्र और राज्य सरकारों पर अफसरों की नियुक्ति को लेकर आए दिन सवाल उठते रहते हैं। ऐसे ही कई मौके होते हैं, जब सरकारों की किरकिरी भी होती रही है। कई मामले न्यायालयों की चौखट तक भी पहुंचते हैं। ताजा मामला उत्तराखंड राज्य का है, जहां आईएफएस अफसर की नियुक्ति पर सवाल उठा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री पर तीखी टिप्प्णी भी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सामंती युग नहीं है कि राजाजी जैसा बोलें वैसा ही होगा। बता दें कि आईएफएस अफसर राहुल पर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध पेड़ काटने का आरोप लगा है। इसके बावजूद उन्हें राजाजी नेशनल पार्क का निदेशक बना दिया गया है। हालांकि बाद में सरकार ने उन्हें हटा दिया है।

उत्तराखंड के जिम कार्बेट पार्क में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने बुधवार को सुनवाई की। इस दौरान पीठ ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के कार्यों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए खरी-खोटी भी सुनाई। पीठ ने कहा कि सार्वजनिक विश्वास सिद्वांत को आपने कूड़ेदान में फेंक दिया है। इसके साथ कोर्ट ने कहा कि ये कोई सामंती युग नहीं है, जैसा राजाजी बोलेंगे वैसा ही होगा। यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि ऐसा नहीं है कि वह मुख्यमंत्री हैं तो कुछ भी कर सकते हैं, जब चाहें जिसे हटा दें, बरी कर दें या विभागीय कार्यवाही बंद कर दें। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें मुख्यमंत्री से ही हलफनामा चाहिए।

स्थानांतरण करना उचित नहीं

पीठ ने कहा कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध पेड़ कटान के आरोपी आईएफएस अधिकारी राहुल को पहले हटा दिया, इसके बाद उन्हें राजाजी नेशनल पार्क निदेशक बना दिया है, ये उचित नहीं है। सरकार के इस कदम को कोर्ट ने मनमानी बताते हुए कहा कि जिसे निलंबित किया जाना चाहिए, उसका स्थानांतरण कर दिया गया। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी कहा था कि ऐसे कदम से साफ कहा जा सकता है कि तत्कालीन वन मंत्री और डीएफओ ने खुद को कानून मान लिया था।

ये लगे थे आरोप, चल रही सीबीआई जांच

बता दें कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के डायरेक्टर रहे आईएफएस अधिकारी राहुल के खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है। यही नहीं, उनके खिलाफ सिविल सर्विसेज बोर्ड ने भी आपत्ति दर्ज की थी। आईएफएस अधिकारी पर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर अवैध निर्माण करने और कानून की परवाह किए बिना पेड़ों की अवैध कटाई कराए जाने का आरोप है। इसके साथ ही डीएफओ के खिलाफ भी जांच चल रही है। 

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