Surrogacy Rules: सुप्रीम कोर्ट का सरोगेट मदर पर बड़ा फैसला, दिए जाने वाले रकम में हुआ बदलाव

Surrogacy Rules: भारत में सरोगेट मदर को लेकर बड़ा फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान सेरोगेट मदर को मिलने वाली रकम को लेकर बात कही है।

Report :  Sonali kesarwani
Update: 2024-09-11 05:04 GMT

Surrogacy Rules: सुप्रीम कोर्ट ने सरोगेसी मदर को मिलने वाली रकम को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सरोगेसी के मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अब से सीधे दंपत्ति सरोगेट मदर को पैसे का भुकतान नहीं करेंगे बल्कि धनराशि वितरित करने के लिए एक निर्दिष्ट प्राधिकारी नियुक्त किया जायेगा। जिससे दंपत्ति पहले विभाग को पैसे दे और उसके बाद वो पैसे सेरोगेट मदर को ट्रांसफर किये जायेंगे। दरअसल भारत में सरोगेसी कानून 2021 इस बात की अनुमति देता है कि सरोगेट मदर को चिकित्सा व्यय और बीमा कवरेज के अलावा कोई मौद्रिक मुआवजा प्राप्त किए बिना किसी अन्य व्यक्ति या जोड़े की मदद करने के लिए बच्चे को जन्म देना होता है।

जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने की सुनवाई

मरोगेसी मामले की सुनवाई जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच कर रही थी। जिन्होंने सरोगेसी मामले को लेकर कहा कि इसमें एक ऐसी व्यवस्था की आवश्यकता है जिससे कि किसी भी महिला का शोषण न हो सके। कोर्ट ने कहा कि सरोगेट माताओं के हितों की रक्षा जरूरी है। सरोगेट कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह टिप्पणी की। कोर्ट ने यह बात स्पष्ट कर दिया कि सरोगेट मदर को पैसे का भुकतान सीधे दंपति द्वारा न होकर निर्दिष्ट प्राधिकारी नियुक्त के तहत किया जाए।

वर्तमान कानून में कॉमर्शियल सरोगेसी है प्रतिबंधित

केंद्र सरकार के वकील ने सुनवाया के दौरान कोर्ट को यह बताया कि मौजूदा कानून में केवल परोपकारी सरोगेसी की अनुमति है और कॉमर्शियल सरोगेसी प्रतिबंधित है। वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नकुल दीवान ने तर्क दिया कि परोपकारिता की भावना को बरकरार रखते हुए, सरोगेट माताओं को किसी प्रकार का मुआवजा प्रदान किया जाना चाहिए, क्योंकि कानून केवल चिकित्सा और बीमा का खर्च दिलाते हैं। दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा कि वो इस मामले पर अगली सुनवाई पांच नवंबर को करेगी।

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