Delhi Liquor Policy Case: क्या मनीष सिसोदिया को मिलेगी बेल? सुप्रीम कोर्ट 30 अक्टूबर को सुनाएगा फैसला
Delhi Liquor Policy Case: शराब नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा। उन्होंने अपनी जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को भी चुनौती दी थी।
Delhi News: दिल्ली शराब नीति मामले में केजरीवाल सरकार के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा। फैसला जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच सुनाएगी। गौरतलब है कि हाल ही में मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
मनीष सिसोदिया ने शराब नीति के कथित अनियमितताओं से संबंधित सीबीआई और ईडी के मामलों में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इसके अलावा उन्होंने अपनी जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को भी शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले की सुनवाई पूरी होने में लगने वाले समय के बारे में जानना चाहा था। इस पर जांच एजेंसी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा था कि मुकदमा 9 से 12 महीने के भीतर समाप्त हो सकता है। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस मामले में 294 गवाह और हजारों दस्तावेज हैं।
'सिसोदिया को जेल में रखने जरूरत नहीं'
इस दौरान जांच एजेंसियों के तर्क का विरोध करते हुए वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी ने कोर्ट से आग्रह किया कि सिसोदिया को जमानत दे दी जाए, क्योंकि उन्हें सलाखों के पीछे रखने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में सीधे तौर पर सिसौदिया को जोड़ने के लिए कुछ भी नहीं है और ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे यह पता चले कि उनका विजय नायर के साथ कोई संबंध है।
हाई कोर्ट ने नहीं दी थी जमानत-
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। ईडी मामले में 3 जुलाई 2023 को पारित अपने आदेश में दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि वह इस बात से इनकार नहीं कर सकती है सिसोदिया अपने पद का इस्तेमाल करके गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
क्या है पूरा मामला?-
फरवरी 2023 में अब रद्द हो चुकी दिल्ली की शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। सीबीआई के अनुसार सिसोदिया नीति बनाने और उसे लागू करने में शामिल थे।
अब सोमवार को शीर्ष कोर्ट मनीष सिसोदिया को जमानत देती है या नहीं यह तो कोर्ट ही तय करेगी। लेकिन दिल्ली शराब नीति मामला इतना जल्दी शांत होने वाला नहीं दिख रहा है। इसकी आंच अभी कई लोगों तक पहुंचेगी ऐसा माना जा रहा है?