Marital Rape: मैरिटल रेप मामले पर सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते करेगा सुनवाई, जानें क्या है वैवाहिक बलात्कार?

Marital Rape: मैरिटल रेप मामले पर सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस यू.यू. ललित और जस्टिस रवींद्र भट ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की याचिका पर अपनी टिप्पणी की।

Written By :  aman
Update:2022-09-09 12:29 IST

 प्रतीकात्मक चित्र 

Marital Rape : मैरिटल रेप के मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अगले हफ्ते सुनवाई करेगा। सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस यू.यू. ललित (Chief Justice U.U. Lalit) और जस्टिस रवींद्र भट (Justice Ravindra Bhat) ने मैरिटल रेप (Marital Rape) को अपराध घोषित करने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की है। अदालत ने कहा है, कि ये मुद्दा पहले से ही विचाराधीन है।

दो जजों की पीठ ने जनहित याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया, कि मैरिटल रेप यानी वैवाहिक बलात्कार के मुद्दे पर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाएं 12 सितंबर 2022 को सूचीबद्ध हैं। इसलिए इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका अनावश्यक है। अर्थात, मैरिटल रेप के मुद्दे पर अगले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।

मैरिटल रेप पर मतांतर

आपको बता दें कि, दिल्ली हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद देश में वैवाहिक बलात्कार (Marital Rape) पर नई बहस छिड़ गई है। इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश (Judge) भी इस मसले पर एकमत नहीं हैं। अब एक तरफ जहां देश में मैरिटल रेप पर कानून बनाने की मांग हो रही है। वहीं दूसरी तरफ, एक वर्ग ऐसा भी है जो चाहता है कि वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी से बाहर रखा जाए।  

क्या भारत में अपराध है मैरिटल रेप?

यहां आपको जानना जरूरी है कि भारत में वैवाहिक बलात्कार यानी मैरिटल रेप अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। मैरिटल रेप को अपराध के दायरे में लाने के लिए महिला संगठन (women's organization) और फेमिनिस्ट ग्रुप एक अर्से से मांग करते आ रहे हैं। देश के राजनीतिक दल भी इसे लेकर मुखर नहीं हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट ने मई में वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने मामले में याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए खंडित फैसला सुनाया था। इन याचिकाओं में कानून के उस अपवाद को चुनौती दी गई थी, जिसके तहत पत्नियों के साथ बिना सहमति के शारीरिक संबंध (Physical relationship) बनाने के लिए मुकदमे से पतियों को छूट है।

जानें क्या है वैवाहिक बलात्कार या मैरिटल रेप?

अब सवाल उठता है कि मैरिटल रेप क्या है? पत्नी की सहमति के बिना अगर पति जबरन उससे शारीरिक संबंध (Physical Relationship) बनाता है, तो उसे मैरिटल रेप कहा जाता है। भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी (IPC) के तहत इसे अपराध नहीं माना जाता है। आईपीसी की धारा- 375 में बलात्कार की परिभाषा दी गई है। धारा- 375 के अपवाद में कहा गया है, कि पति अगर अपनी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध या किसी भी तरह का सेक्सुअल एक्ट (Sexual Act) करता है, तो ये रेप नहीं है। अगर, पत्नी की आयु 15 साल से कम हो, तो इसे बलात्कार की श्रेणी में रखा जाएगा। साफ है कि वैवाहिक बलात्कार का जिक्र भारतीय दंड संहिता में नहीं है।

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