वरुणा को बचाएगा 'स्वर्ण कलश', नगर निगम की अनूठी पहल

धर्म नगरी वाराणसी दो नदियों को लेकर बना है। ये नदियां हैं वरुणा और अस्सी। लेकिन बढ़ते प्रदूषण के कारण दोनों ही नदियों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। अस्सी लगभग सूख चुकी हैं और वरुणा भी उसी राह पर है।

Update: 2019-12-30 16:20 GMT

वाराणसी: धर्म नगरी वाराणसी दो नदियों को लेकर बना है। ये नदियां हैं वरुणा और अस्सी। लेकिन बढ़ते प्रदूषण के कारण दोनों ही नदियों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। अस्सी लगभग सूख चुकी हैं और वरुणा भी उसी राह पर है। ऐसे में वरुणा को बचाने के लिए वाराणसी नगर निगम की ओर से अब प्रयास शुरू किए गए हैं। वरुणा नदी में प्रदूषण को रोकने के लिए नगर निगम अब स्वर्ण कलश का सहारा लिया है।

क्या है स्वर्ण कलश योजना?

वरुणा नदी की सफाई के लिए नगर निगम की ओर से 27 दिसंबर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत वरुणा नदी के ऊपर बने सभी चारों पुलों के ऊपर एक स्वर्ण कलश लगाया जा रहा है। मकसद है पुल से नीचे नदी में माला फूल को फेंकने से रोका जाए। नदी में फेंकने के बजाय लोग माला फूल को स्वर्ण कलश में डालेंगे।

नगर आयुक्त गौरांग राठी कहते हैं कि हमारा मकसद है कि वरुणा नदी को प्रदूषण मुक्त करना। लोगों की धार्मिक भावनाएं भी आहत ना हो और वरुणा प्रदूषण से मुक्त रहे, इसी उद्देश्य से स्वर्ण कलश लगाया गया है।

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प्रदूषण करने वालों पर सख्ती

नगर निगम की ओर से चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत नदी किनारे रहने वालों को सफाई के लिए जागरूक किया जा रहा है। गंदगी करने वालों को चिन्हित करके नोटिस भेजा जा रहा है। अगर प्रदूषण नहीं रुका तो जुर्माना भी वसूला जाएगा। वहीं नगर निगम के अभियान को स्थानीय लोगों ने सराहा है। आशीष दुबे कहते हैं कि चाहे कलश योजना हो या फिर जुर्माना वसूली का अभियान, अगर वरुणा को बचाना है तो सख्ती दिखाना ही होगा।

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