Tamil Nadu Fake Video Case: बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट का फेक वीडियो वायरल करने के मामला, पुलिस ने दूसरे आरोपी को किया अरेस्ट

Tamil Nadu Fake Video Case: बवाल बढ़ने के बाद जांच में अधिकांश वीडियो फर्जी पाए गए, जिसके बाद से पुलिस इस मामले में ताबड़तोड़ एक्शन ले रही है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-03-11 14:48 IST

Tamil Nadu Fake Video Case (photo: social media )

Tamil Nadu Fake Video Case: तमिलनाडु में हिंदी भाषी खासकर बिहार से गए मजदूरों के साथ कथित तौर पर मारपीट और हिंसा का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। बवाल बढ़ने के बाद जांच में अधिकांश वीडियो फर्जी पाए गए, जिसके बाद से पुलिस इस मामले में ताबड़तोड़ एक्शन ले रही है। फेक वीडियो वायरल कर दो राज्यों के बीच तनाव उत्पन्न करने के मामले में बिहार में शनिवार को दूसरी गिरफ्तारी हुई है।

पुलिस ने गोपालगंज जिले के माधोपुर गांव के रहने वाले उमेश महतो को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक उमेश महतो ने कहा कि गांव के ही एक अन्य शख्स की तमिलनाडु में हादसे में मौत हो गई थी। लेकिन आरोपी इसे लेकर गांव में अफवाह फैला रहा था। फर्जी वीडियो प्रसारित करने के मामले में ये दूसरी गिरफ्तारी है, इससे पहले जमुई जिले से एक शख्स की गिरफ्तारी हो चुकी है।

उमेश पर अफवाह फैलाने का आरोप

गोपालगंज पुलिस ने बताया कि माधोपुर गांव का ही एक शख्स रविंद्र महतो तमिलनाडु मजदूरी के लिए गया था। 7 मार्च को बेंगलुरू में ट्रेन से कटकर उसकी मौत हो गई थी। गांव के ही एक अन्य शख्स और आरोपी उमेश महतो ने इसे हत्या के तौर पर प्रचारित किया। मृतक रविंद्र की पत्नी शिवकला को आरोपी ने फोन पर बताया कि रविंद्र को तमिलनाडु में काट दिया गया है और वह भी वहां से भाग रहा है। जिसके बाद पूरे इलाके में दहशत कायम हो गया।

कई यूट्यूबर और चैनल भी निशाने पर

फर्जी वीडियो मामले की जांच कर रही बिहार की आर्थिक अपराध ईकाई (ईओयू) ने इस मामले को लेकर कई लोगों के विरूद्ध केस दर्ज किया है। जिनमें राज्य के कुछ यूट्यूबर और न्यूज चैनल शामिल हैं। यूट्यूब पर ‘सच तक’ नामक चैनल चलाने वाले मनीष कश्यप पर एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। कश्यप फिलहाल फरार है और उसकी तलाश की जा रही है।

बता दें कि तमिलनाडु में बिहारी मजूदरों के साथ कथित तौर पर हिंसा को लेकर बिहार की राजनीति पिछले दिनों गरमा गई थी। शुरूआत में नीतीश सरकार इसे हल्के में ले रही थी। लेकिन मामला बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री ने इसे लेकर तमिलनाडु के सीएम स्टालिन से बात की। वहां के डीजीपी ने वीडियो जारी कर सोशल मीडिया पर दिखाए जा रहे वीडियो को फर्जी बताया था। बिहार सरकार ने मजदूरों की हालत जानने के लिए एक टीम भी तमिलनाडु भेजा था, जिसने अपनी रिपोर्ट आकर सरकार को सौंप दी है।

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