फील्ड मार्शल करियप्पा: सरकार की मर्जी के बिना बने पहले भारतीय कमांडर, जाने कैसे

फील्ड मार्शल कोदंडेरा मडप्पा करियप्पा भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ थे और इन्होंने 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पश्चिमी मोर्चे पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया था।

Update:2021-01-28 10:18 IST
फील्ड मार्शल करियप्पा: सरकार की मर्जी के बिना बने पहले भारतीय कमांडर, जाने कैसे photos (social media)

लखनऊ : भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ के तौर पर काम करने वाले के एम करियप्पा (K m cariappa) थे। इनका पूरा नाम कोडंडेरा मडप्पा करियप्पा था। इनका जन्म 28 जनवरी 1899 को हुआ था। यह एक ऐसे भारतीय कमांडर थे जिन्होंने फील्ड मार्शल के पद को पाया था। आज इनके जन्मदिन पर इनसे जुड़े कई किस्सों को जानते हैं।

प्रारंभिक जीवन

फील्ड मार्शल कोदंडेरा मडप्पा करियप्पा का जन्म 28 जनवरी 1899 में कर्नाटक के कोडागु में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा माडिकेरी के सेन्ट्रल हाई स्कूल में हुई। उन्हें चित्रकला विषय में काफी रूचि थी वह अपने खाली समय में कैरिकेचर बनाने में गुजारते थे। इसके साथ करियप्पा का हॉकी,क्रिकेट और टेनिस जैसे खेलों में काफी रूचि थी यह इन खेलों के अच्छे खिलाड़ी थे। उन्होंने अपनी कॉलेज की शिक्षा पूरी करने के बाद उनका चयन सेना अधिकारी के तौर पर हो गया।

भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ

फील्ड मार्शल कोदंडेरा मडप्पा करियप्पा भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ थे और इन्होंने 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पश्चिमी मोर्चे पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। वह फील्ड मार्शल का सर्वोच्च पद संभालने वाले दो भारतीय सेना अधिकारियों में से एक हैं। इनके प्रतिष्ठित सैन्य करियर में इन्होंने अपने जीवन का लगभग तीन दशक का समय दिया था, इन्हें 1949 में भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ के रूप में नियुक्त किया गया।

सेना दिवस

फील्ड मार्शल के एम करियप्पा भारत के पहले भारतीय थे जिन्हें आजाद भारतीय सेना की कमान दी गई थी। आपको बता दें कि 15 जनवरी के इस दिन को सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इन्होंने कई साल भारत का नेतृत्व किया। इन्होंने देश की जिम्मेदारी को बड़े ही ईमानदारी और निष्ठा के साथ निभाया था जिसके लिए भारत सरकार ने साल 1986 में इन्हें फील्ड मार्शल (field marshal) के पद से सम्मानित किया गया था।

मिलिट्री करियर

भारतीय कमांडर के एम करियप्पा प्रथम विश्व युद्ध के बाद भारतीय राष्ट्रवादियों ने ब्रिटिश सरकार से भारतियों को भी सेना में कमीशन देने की मांग की, जिसे ब्रिटिश सरकार ने मान लिया। के एम करियप्पा को प्रथम दल में शामिल कर लिया। 1 दिसंबर 1919 से लेकर 17 जुलाई 1920 तक ब्रिटिश इंडियन आर्मी (british indian army) में सेकेंड लेफ्टिनेंट (second lieutenant) के तौर पर काम किया। लेफ्टिनेंट के पद पर 1 दिसंबर 1920 से लेकर 17 जुलाई 1921 तक काम किया। इसके बाद फील्ड मार्शल का पद 15 जनवरी 1986 को संभाला था। इस दिन को सेना दिवस के रूप में पूरे देश में मनाते हैं।

के एम करियप्पा की मृत्यु

भारतीय फील्ड मार्शल कमांडर के एम करियप्पा ने अपने जीवन में भारत के लिए बड़ी ईमानदारी से काम करने वाले भारतीय कमांडर को आज भी उनकी बहादुरी के लिए जाना जाता है। इनका निधन 15 मई 1993 में कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर में हो गया था। आपको बता दें कि मृत्यु के समय इनकी आयु 94 साल थी।

ये भी पढ़ें: किसान यूनियन में फूट: कई संगठन आंदोलन से अलग, धरना खत्म कर लौटे घर

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News