तीस हजारी हिंसा:कई राज्यों के वकील आज हड़ताल पर, जारी विरोध प्रदर्शन
तीस हजारी कोर्ट में हिंसा मामले पर देश में वकीलों का प्रदर्शन तेज हो गया है। दिल्ली के वकीलों का समर्थन करने के लिए राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के वकीलों ने समर्थन किया है।
नई दिल्ली : तीस हजारी कोर्ट में हिंसा मामले पर देश में वकीलों का प्रदर्शन तेज हो गया है। दिल्ली के वकीलों का समर्थन करने के लिए राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के वकीलों ने समर्थन किया है। हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के वकीलों ने दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में हुई हिंसा के खिलाफ दिल्ली के वकीलों के समर्थन में सोमवार को हड़ताल करने और कामकाज बंद रखने का भी ऐलान किया है।
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दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा
इसी मामले में राजस्थान बार काउंसिल ने बयान जारी कर कहा कि दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में वकीलों के खिलाफ जिस तरह की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की, उसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। हम वकीलों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं। दिल्ली पुलिस की फायरिंग में वकीलों को गंभीर चोट आई है। यह घटना दिल्ली पुलिस के क्रिमिनल व्यवहार का सबूत है।
6 हफ्ते में इसकी रिपोर्ट देनी होगी
इसी के साथ दिल्ली हाई कोर्ट ने तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच रिटायर जस्टिस एसपी गर्ग के नेतृत्व में की जाएगी और 6 हफ्ते में इसकी रिपोर्ट देनी होगी।
इस जांच में सीबीआई के डायरेक्टर, आईबी के डायरेक्टर, विजिलेंस डायरेक्टर या सीनियर अधिकारी मदद करेंगे। हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को घायल वकीलों के बयान दर्ज करने और आरोपी पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने का भी आदेश दिया है।
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दिल्ली हाई कोर्ट ने कड़े रुख से कहा कि पुलिस कमिश्नर तीस हजारी हिंसा मामले की आंतरिक जांच के लिए स्वतंत्र कमीशन का भी गठन करें। यह आंतरिक जांच 6 हफ्ते में पूरी की जाए और रिपोर्ट सौंपी जाए। हाईकोर्ट ने स्पेशल सीपी संजय सिंह और अतिरिक्त डीसीपी हरिंदर सिंह को जांच पूरी होने तक स्थानांतरित करने के आदेश भी दिए हैं।
केजरीवाल सरकार घायल वकीलों को मुआवजा दे
केजरीवाल सरकार को दिल्ली हाई कोर्ट ने घायल वकीलों का एम्स में इलाज कराने का भी निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार घायल वकील विजय वर्मा को 50 हजार रुपये और दो अन्य वकीलों को क्रमशः 15 हजार और 10 हजार रुपये का फौरन मुआवजा दे।
बता दें कि इससे पहले दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में दलील दी कि तीस हजारी हिंसा मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है। इसके साथ ही मामले की जांच क्राइम ब्रांच की एसआईटी को ट्रांसफर कर दी गई है। हालांकि हाई कोर्ट दिल्ली पुलिस की दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ।
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