ट्रैक्टर परेड हिंसा: दिल्ली पुलिस की चिट्ठी में ऐसा क्या है, मच गया बवाल

चिट्ठी की शक्ल में दिल्ली पुलिस का यह मैसेज देखते ही देखते वायरल हो गया। इस चिट्ठी पर 26 जनवरी 2021 और वक्त 12:30 लिखा हुआ है। यह चिट्ठी एडिशनल सीपी स्पेशल ब्रांच की तरफ से सभी जिलों के डीसीपी, सिक्योरिटी, ट्रैफिक और पीसीआर, स्पेशल सीपी लॉ एंड आर्डर को भेजी गई है।

Update: 2021-01-27 06:30 GMT
ट्रैक्टर परेड हिंसा: दिल्ली पुलिस की चिट्ठी में ऐसा क्या है, मच गया बवाल

नई दिल्ली: भारत को गणतंत्र राज्य बने बहत्तर साल हो गए, इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली की सड़कों पर जो तस्वीरें सामने आईं वो काफी हैरान करने वाली थीं। एक तरफ देश गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहा था तो दूसरी तरफ दिल्ली की सड़कों पर किसानों के ट्रैक्टर घूम रहे थे। इसी दौरान आईटीओ और लाल किला समेत कुछ अन्य इलाकों में हिंसा भी देखने को मिली। इस सबके बीच दिल्ली पुलिस की एक चिट्ठी ही उस पर सवाल खड़े कर रही है।

दिल्ली पुलिस को लगातार मिलते रहे इनपुट फिर भी देरी क्यों

बता दें कि 26 जनवरी की सुबह के 10:00 बजे से ही दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से किसानों द्वारा बैरिकेड तोड़े जाने और पुलिस का घेरा तोड़ने की खबरें आने लगी थीं, कई जगह से पुलिस के लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े जाने की खबर आई।

जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने अपने सभी जिलों के डीसीपी, स्पेशल कमिश्नर, ज्वाइंट कमिश्नर स्पेशल ब्रांच, सिक्योरिटी सभी अफसरों को संदेश भेजें और यह बताया कि पुलिस को इनपुट मिले हैं कि किसान अपने ट्रैक्टर के साथ राजपथ, इंडिया गेट, लाल किला, रामलीला मैदान, राष्ट्रपति भवन, पीएम रेजिडेंस, होम मिनिस्टर रेजिडेंस, पार्लियामेंट हाउस, सीएम हाउस और एलजी हाउस तक पहुंच सकते हैं।

दिल्ली पुलिस ने चिट्ठी पर चुप्पी साधा

चिट्ठी की शक्ल में दिल्ली पुलिस का यह मैसेज देखते ही देखते वायरल हो गया। इस चिट्ठी पर 26 जनवरी 2021 और वक्त 12:30 लिखा हुआ है। यह चिट्ठी एडिशनल सीपी स्पेशल ब्रांच की तरफ से सभी जिलों के डीसीपी, सिक्योरिटी, ट्रैफिक और पीसीआर, स्पेशल सीपी लॉ एंड आर्डर को भेजी गई है। इस चिट्ठी में 31 जनवरी तक कोविड-19 लॉक डाउन का भी जिक्र किया गया है, दिल्ली पुलिस ने फिलहाल इस चिट्ठी पर चुप्पी साध रखी है।

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दिल्ली पुलिस की लापरवाही से बिगड़ा मामला

यहां दिल्ली पुलिस की लापरवाही साफ नजर आती है, क्योंकि यहां पर दिल्ली पुलिस का इंटेलिजेंस और लोकल इंफॉर्मेशन यूनिट भी फेल नजर आया। यह संदेश तब प्रसारित किया गया जब हालात बेकाबू होने लगे, जबकि इस तरह के संदेश और इनपुट पहले से उपलब्ध कराए जाते हैं ताकि अधिकारी अपने-अपने जिलों में अपने-अपने क्षेत्रों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम कर सकें।

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दिल्ली पुलिस किसान नेताओं के आश्वासन पर भरोसा किया

ऐसा लगता है कि दिल्ली पुलिस को किसान नेताओं के लिखित आश्वासन पर पूरा भरोसा था। यही वजह थी कि दिल्ली पुलिस ने सिर्फ उन सड़कों पर सुरक्षा के भारी बंदोबस्त किए ,जिस रूट पर ट्रैक्टर रैली को निकाला जाना था।

दिल्ली पुलिस ने इस चिट्ठी के इनपुट के हिसाब से पहले से प्लानिंग की होती तो लाल किला, आईटीओ, प्रगति मैदान, नांगलोई, मुकरबा चौक जैसी जगहों पर उत्पाद ना होता, भीड़ को काबू किया जा सकता था।

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