आने वाले दिनों में रेल यात्रा हो सकती है महंगी, रेलवे सेफ्टी सेस लगाने की तैयारी में

Update: 2016-12-11 10:52 GMT
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नई दिल्ली: आने वाले दिनों में रेल यात्रा के दौरान आपको किराए के लिए ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ सकती है। रेलवे संसाधन जुटाने के लिए किरायों में बढ़ोतरी की तैयारी कर रहा है। गौरतलब है कि इससे पहले वित्त मंत्रालय ने रेलवे के 'विशेष सुरक्षा कोष' के प्रस्ताव को खारिज कर चुका है। सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय स्‍पेशल सेफ्टी फंड के लिए सिर्फ 25 फीसदी देने पर सहमत‍ हुआ है। शेष 75 प्रतिशत रेलवे को अपने संसाधनों से जुटाने का सुझाव दिया है।

प्रस्ताव के अनुसार, ट्रैक को बेहतर करने और सिग्नल प्रणाली को बेहतर बनाने और मानवरहित लेवल क्रॉसिंग को खत्म करने के साथ-साथ सुरक्षा संबंधी अन्य उपायों के लिए फंड जुटाने को सुरक्षा उपकर (सिक्यॉरिटी सेस) लगाया जाना था।

वित्त मंत्रालय से मांगे थे 1,19,183 करोड़ रुपए

इससे पहले रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर विभिन्न सुरक्षा कार्यों के लिए 'विशेष राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष' बनाने को 1,19,183 करोड़ रुपए आवंटित करने की मांग की थी। वित्त मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए रेलवे से कहा कि वह किराया बढ़ाकर संसाधन जुटाए। सूत्रों की मानें तो वित्त मंत्रालय ने इस फंड का सिर्फ 25 प्रतिशत उपलब्ध कराने की सहमति दी है। रेलवे से कहा गया है कि वह शेष 75 प्रतिशत संसाधन खुद जुटाए।

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रेलवे के पास नहीं है कोई विकल्प

रेलवे से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि ' रेल मंत्रालय फिलहाल किराया बढ़ोतरी के पक्ष में नहीं है। इसकी वजह यात्रियों की बुकिंग घटना बताया गया है। एसी-2 और एसी-1 के किराए पहले ही काफी ऊंचे हैं। लेकिन, वित्त मंत्रालय द्वारा राहत पैकेज देने से इनकार के बाद किराए में बढ़ोतरी के अलावा कोई विकल्प नहीं है।'

स्लीपर, सेकंड क्लास के किराए अधिक बढ़ेंगे

रेलवे की योजना के अनुसार स्लीपर, सेकंड क्लास और एसी-3 के लिए सेस अधिक होगा। वहीं एसी-2 और एसी-1 के लिए यह मामूली होगा। रेल किराए में बढ़ोतरी पर अभी अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है। फिलहाल इसके तौर तरीकों पर काम किया जा रहा है।

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