भारत से कांपा चीन: नहीं सहन कर पाएगा ये झटका, सभी देश आए मोदी के साथ
19 अप्रैल यानी कल से विश्व स्वास्थ्य संगठन की वार्षिक बैठक शुरू होने जा रही है। स्वास्थ्य संगठन की इस बैठक में कोरोना वायरस की महामारी का मुद्दा होना स्वाभाविक बात है।
नई दिल्ली। 19 अप्रैल यानी कल से विश्व स्वास्थ्य संगठन की वार्षिक बैठक शुरू होने जा रही है। स्वास्थ्य संगठन की इस बैठक में कोरोना वायरस की महामारी का मुद्दा होना स्वाभाविक बात है। महामारी कोरोना को लेकर दुनिया भर के तमाम देश चीन को कसूरवार मान रहे हैं। वैसे तो कोरोना वायरस की महामारी और चीन की भूमिका को लेकर भारत अभी तक कुछ नहीं बोला लेकिन अब ये चुप्पी टूटती दिख रही है। ऐसे में केंद्रीय परिवहन और सड़क निर्माण मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह वायरस प्राकृतिक नहीं है और इसे लैब में तैयार किया गया है।
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भारत ने जांच का समर्थन
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जब ये बात बोली तो लग रहा था कि यह उनकी खुद की राय होगी और केंद्र सरकार उनसे राजी नहीं होगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
डब्ल्यू की बैठक के लिए ड्राफ्ट प्रस्ताव के मुताबिक, भारत ने उस जांच का समर्थन किया है जिसमें पता करना है कि कोरोना वायरस जानवरों से इंसान में कैसे आया और विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस महामारी को लेकर भूमिका कितनी निष्पक्ष रही।
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तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत
वहीं इससे पहले यूरोप और ऑस्ट्रेलिया की तरफ से इस तरह की जांच की मांग उठती रही है। भारत ने पहली बार इस तरह की जांच में शामिल होने के लिए औपचारिक रूप से हां कहा है।
कोरोना वायरस के संक्रमण से अब तक तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि पीएम मोदी ने मार्च में जी-20 समिट में विश्व स्वास्थ्य संगठन में सुधार और पारदर्शिता होने की बात कही थी।
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चीन की लैब में पैदा किया गया
ऐसे में चीन पर आरोप लगता रहा है कि उसने कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत में जानकारी देने से छुपाया और पारदर्शिता नहीं बरती इसलिए आज पूरी दुनिया में यह संक्रमण फैल गया।
साथ ही इस मुद्दे को लेकर अमेरिका और चीन के बीच जमकर नोंक-झोंक भी हुई। चीन को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस चीन की लैब में पैदा किया गया और इसे लेकर उनके पास पर्याप्त सबूत हैं।
इस पर चीन ने कहा कि वुहान में कोरोना वायरस अमेरिकी सैनिकों के जरिए आया और इसके लिए अमेरिका जिम्मेदार है। साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन पर भी राष्ट्रपति ट्रंप ने आरोप लगाया कि वो चीन परस्त है।
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62 देशों ने समर्थन
इसी मुद्दे पर ट्रंप ने डब्ल्यू एच ओ का फंड भी रोकने की घोषणा कर दी। आगे ट्रंप ने कहा कि अमेरिका चीन से कई गुना ज्यादा फंड देता है लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन चीन का बचाव कर रहा है।
लेकिन अब कोरोना वायरस महामारी की जांच का 62 देशों ने समर्थन किया है जिसमें भारत के साथ बांग्लादेश, कनाडा, रूस, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके और जापान भी सम्मिलित हैं।
बस अभी डब्ल्यू एच ओ के प्रस्ताव में चीन या वुहान का कोई जिक्र नहीं है। लेकिन ये कहा गया है कि डब्ल्यू एच ओ इस बात की जांच करे कि वायरस कहां से पैदा हुआ और जानवर से इंसान में कैसे आया।
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