झारखंड: उग्रवादी संगठनों की साजिश, दहशत फैलाने के लिए शुरू की पोस्टरबाजी
15 दिसंबर को उग्रवादी संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी टीएसपीसी के द्वारा राजधानी रांची में पोस्टरबाज़ी की गई थी। इस मामले में पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि, गिरफ्तार युवकों को एक-एक हज़ार रुपए के पगार पर रखा गया था।
रांची: 15 दिसंबर को उग्रवादी संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी टीएसपीसी के द्वारा राजधानी रांची में पोस्टरबाज़ी की गई थी। इस मामले में पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि, गिरफ्तार युवकों को एक-एक हज़ार रुपए के पगार पर रखा गया था। धमकी भरा पोस्टर चिपकाने पर एक हज़ार रुपए दिए जाते थे।
लालच में आकर युवकों ने रांची शहर समेत अन्य स्थानों पर पोस्टरबाज़ी की थी। आपको बता दें कि, उग्रवादी संगठन के नाम पर राजभवन और मुख्यमंत्री आवास से महज़ कुछ क़दमों की दूरी पर पोस्टर चिपकाए गए थे। सीसीटीवी खंगालने के बाद आरोपियों की धरपकड़ आसान हो सकी। सिटी एसपी की अगुवाई में टीम का गठन किया गया था।
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उग्रवादी संगठन बना सिर दर्द
पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया पीएलएफआई के उग्रवादियों की धमक भी राजधानी रांची तक पहुंच चुकी है। पिछले दिनों ही रांची से 06 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, पीएलएफआई के सरगना तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है। हाल ही में झारखंड पुलिस मुख्यालय की ओर से संगठन के सरगना दिनेश गोप को लेकर 25 लाख रुपए की इनाम राशि की घोषणा की गई है। संगठन के अन्य उग्रवादियों के बारे में भी सूचना देने पर इनाम देने की बात कही गई है।
नक्सलियों पर करोड़ों का इनाम
झारखंड पुलिस मुख्यालय ने पिछले दिनों 12 वांटेड नक्सलियों की सूची जारी की है। इसमें से 04 नक्सलियों पर एक-एक करोड़ की इनाम राशि की घोषणा की गई है। बाकी नक्सलियों पर 25 लाख से लेकर 10 लाख रुपए तक इनाम देने की बात कही गई है। इनाम राशि के साथ ही पुलिस ने संबंधित अधिकारियों के फोन नंबर भी जारी किए हैं।
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झारखंड में नक्सलियों की पैठ
झारखंड में कई सरकारें आईं और गईं लेकिन नक्सल और उग्रवाद की समस्या से राज्य को निजात नहीं मिल सकी। वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार के सामने भी नक्सल और उग्रवादी गतिविधि एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। आज भी राज्य के 24 में से ज्यादातर ज़िले नक्सल प्रभावित हैं। राज्य में भाकपा माओवादी के अलावा PLFI, तृतीय प्रस्तुति कमेटी यानी TPC और झारखंड जनमुक्ति परिषद यानी JJMP के उग्रवादी-नक्सली संगठन सक्रिय हैं।
खास बात ये है कि, नक्सली- उग्रवादी जंगलों से निकल कर अब शहरों की तरफ रुख़ कर रहे हैं जिससे निपटना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। हालांकि, हाल के दिनों में नक्सलियों ने किसी बड़ी घटना को अंजाम नहीं दिया है। नक्सलियों को मुख्यधारा में शामिल कराने को लेकर राज्य सरकार पुनर्वास कार्यक्रम भी चला रही है। पिछले दिनों ही चार नक्सलियों ने सरेंडर किया था।
रांची से शाहनवाज़ की रिपोर्ट