Kerala: विजयन कैबिनेट से दो मंत्रियों की छुट्टी, एंटनी राजू और देवरकोविल ने दिया इस्तीफा

Kerala Ministers Resigned: केरल के दो कैबिनेट मंत्री एंटनी राजू और अहमद देवरकोविल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सीएम विजयन ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-12-24 07:45 GMT

Two Kerala Ministers Resigned (Photo:Social Media)

Kerala Ministers Resigned. दक्षिणी राज्य केरल में एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है। वामपंथी सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। रविवार को मंत्री एंटनी राजू और अहमद देवरकोविल मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से मिले और उन्हें अपना त्यागपत्र सौंपा। केरल सीएम ने अपने दोनों कैबिनेट सहयोगियों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक, दोनों नेताओं ने एक पूर्व समझौते के तहत अपना मंत्री पद छोड़ा है। 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद एंटनी राजू और अहमद देवरकोविल को मुख्यमंत्री विजयन ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था। राजू परिवहन मंत्री बनाए गए थे और देवरकोविल नौवहन विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे। दोनों वापस संगठन के काम में लगाए जा सकते हैं।

नए चेहरों को मिल सकता है मौका

केरल में सीपीएम की अगुवाई वाली लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की सरकार है। सीपीएम से जुड़े सूत्रों की मानें तो 2021 में ही एंटनी राजू और अहमद देवरकोविल से सीएम पिनराई विजयन ने वादा करा लिया था कि सरकार का आधा कार्यकाल बीत जाने के बाद वे इस्तीफा दे देंगे ताकि नए लोगों को सरकार में शामिल करने का मौका मिल सके। उसी समझौते के तहत दोनों मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है। इनकी जगह कौन लेंगे, फिलहाल ये स्पष्ट नहीं है। मुख्यमंत्री विजयन आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इस पर निर्णय लेंगे।

2021 के विधानसभा चुनाव में पिनराई विजयन के नेतृत्व में एलडीएफ ने लगातार दूसरी जीत दर्ज की थी। राजस्थान और हिमाचल सरीखे राज्यों की तरह लंबे समय से यहां भी हर पांच साल पर सरकार बदलने का रिवाज रहा है। लेकिन विजयन ने सबको चौंकाते हुए लगातार दूसरी बार सरकार बनाने में सफल रहे। देश के अधिकांश हिस्सों से गायब हो चुकी सीपीएम का वजूद अब मुख्य रूप से यहीं बचा है।

केरल में इंडिया गठबंधन के बीच ही लड़ाई

केरल देश के उन राज्यों में शामिल है, जहां भारतीय जनता पार्टी की मौजूदगी बेहद सीमित है। यहां से बीजेपी का भी सांसद चुनकर नहीं जा पाया है। विधानसभा में पार्टी की कोई मौजूदगी नहीं है। यहां मुख्य लड़ाई सीपीएम की अगुवाई वाली एलडीएफ और कांग्रेस की अगुवाई वाली यूडीएफ के बीच है। ये दोनों ही पार्टियां राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी को रोकने के लिए बनीं इंडिया अलायंस का हिस्सा हैं। हालांकि, बाकी राज्यों से उलट इंडिया अलायंस के सहयोगी होने के बावजूद दोनों एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। 2019 का लोकसभा चुनाव राहुल गांधी ने केरल की वायनाड सीट से लड़ा था, जिसका फायदा कांग्रेस पार्टी को हुआ। कांग्रेस तब केरल की 20 में से 15 सीटों पर चुनाव जीतने में सफल रही थी।

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