UGC: UGC के अनुसार अब छात्र 13 क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा लिख सकेंगे, होगा अपने क्षेत्र से अधिक जुड़ाव

UGC: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भारत की 13 क्षेत्रीय भाषाओं में छात्रों को परीक्षा लिखने की अनुमति प्रदान करी है।

Update: 2023-04-23 10:49 GMT
UGC के अनुसार अब छात्र 13 क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा लिख सकेंगे

UGC: यूजीसी के अनुसार हिंदी और अंग्रेजी के अलावा अब छात्र भारत की क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा लिख सकेंगे। इससे छात्रों को अधिक अंक लाने में मदद मिलेंगे और अपने क्षेत्र से अधिक जुड़ाव महसूस करेंगे।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी)

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) केन्द्रीय सरकार का आयोग है जो भारत के सभी विश्वविद्यालयों का मान्यता प्राप्त कराता है। यूजीसी का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और इसके छह क्षेत्रीय कार्यालय- पुणे, भोपाल, गोहाटी, बेंगलुरु, कोलकाता, हैदराबाद में है। यूजीसी प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा नेट का भी आयोजन कराता है जिसे उत्तीर्ण करने पर विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में अध्यापक के तौर पर नियुक्ति होती है।

भारत की 13 क्षेत्रीय भाषा में अब परीक्षा लिख सकेंगे छात्र

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुसार अब छात्र भारत की 13 क्षेत्रीय भाषा- गुजराती, बंगाली, असामी, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी, कोंकणी और उड़िया। इन सभी क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा लिखने से छात्र अपने क्षेत्र और क्षेत्रीय भाषा के प्रति जुड़ाव महसूस करेंगे। अपनी क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा लिखने से अधिक अंक पाने का लाभ भी छात्रों को प्राप्त होगा। साथ ही प्रकाशकों की मदद से क्षेत्रीय भाषा में स्नातक और स्नातकोत्तर के सभी विषयों के लिये पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जाएंगी। यूजीसी के अनुसार पूरा पाठ्यक्रम भी क्षेत्रीय भाषा में ही पढ़ाया जाना चाहिए।

न्यूज़ट्रैक द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर के छात्रों से बातचीत करने पर पता चला कि यूजीसी के इस नियम के सभी अत्यंत हर्षित है। अब वह आसानी से बिना बोझ के अपनी क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई कर सकेंगे और यह उनकी अंक तालिका सुधारने में मदद करेगा।
अनुदीपा घोष एमए समाजशास्त्र, आईटी कॉलेज लखनऊ की छात्रा कहती है “यूँ तो मैं अंग्रेजी भाषा में पढ़ाई करती थी और उसी में सभी परीक्षाएं लिखी लेकिन अपनी बंगाली भाषा में पढ़ना और परीक्षा लिखना एक अलग ही खुशी का माहौल प्रदान करता है। इससे मैं प्रतिदिन अपनी कॉलेज में बंगाली भाषा में वार्तालाप कर इस कुछ समय पश्चात इस भाषा में पूर्णता

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