मेरठ: यूजीसी ने नेट पास करने के लिए नया नियम जारी किया है। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने प्रत्येक विषय और श्रेणी में टॉप 15 प्रतिशत छात्रों को नेट उत्तीण करने के नियम को खत्म कर दिया है। केरल हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार यूजीसी नेट में अब 6 प्रतिशत छात्रों को पास माना जाएगा।
ये होगा नियम
- क्वालीफाइंग क्राइटेरिया में बदलाव किया गया है। जिसमें टाॅप 15 प्रतिशत नेट उत्तीर्ण करते थे। अब 6 प्रतिशत उत्तीर्ण करेंगे।
- वेबसाइट पर दिए गए नियम में बताया गया है कि केरल हाइकोर्ट के आदेश के बाद नेट के क्वालीफाइंग क्राइटेरिया में बदलाव हुआ है।
- केरल हाईकोर्ट ने नियम में कमी बताई थी। जिसमें पहले हर विषय के टाॅप 15 प्रतिशत अभ्यार्थियों को नेट पास माना जाता था। अब यह घटकर 6 प्रतिशत रह जाएगा।
- प्रत्येक विषय के टाॅप 6 प्रतिशत नेट उत्तीर्ण करेंगे। हालांकि यूजीसी ने जो जानकारी जारी की है। उसके मुताबिक पिछले चार रिजल्ट में पास करने वालों का प्रतिशत 6 प्रतिशत नही है।
- यूजीसी ने चार नेट रिजल्ट क्वालीफाइंग प्रतिशत बताया है।
- जून 2015 के रिजल्ट में क्वालीफाइंग प्रतिशत 4.83, दिसम्बर 2015 में 4.96 प्रतिशत, जुलाई 2016 में 4.08 और जनवरी 2017 में 3.99 प्रतिशत रहा है।
- बता दे कि यूजीसी लेक्चरशिप और जेआरफ के लिए साल में दो बार नेट का आयोजन होता है। यूजीसी नेट की परीक्षा 5 नवम्बर को होगी।
ये था मानक
- नेट में 250 अंको के तीन पेपर होते है। पहला और दूसरा पेपर 100—100 नंबर के है। तीसरा पेपर 250 अंक का है।
- वर्तमान नियमों में सामान्य वर्ग के छात्रों को पहले, दूसरे और तीसरे पेपर में 40—40 प्रतिशत जबकि सभी में औसत 50 प्रतिशत लाने अनिवार्य होते है।
- ओबीसी, एससी—एसटी और दिव्यांग छात्रों के लिए 35—35 प्रतिशत और औसत 40 प्रतिशत है। जिसके लिए एक मेरिट तैयार की जाती है।
- प्रत्येक विषय में श्रेणीवार टॉप 15 प्रतिशत वाले छात्र नेट में उत्तीर्ण घोषित किए जाते है। जो कि अब ऐसा नही होगा।