डिग्री में मां का नाम जोड़ना है या पिता का, चलेगी आपकी मर्जी, UGC कर रहा विचार

डिग्री में पिता का नाम लिखने को वैकल्पिक बनाने के महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के सुझावों को एचआरडी मंत्रालय की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद अब यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) इस प्रस्ताव पर जल्द काम शुरू करेगा।

Update: 2017-05-30 15:14 GMT

नई दिल्ली: डिग्री में पिता का नाम लिखने को वैकल्पिक बनाने के महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के सुझावों को एचआरडी मंत्रालय की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद अब यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) इस प्रस्ताव पर जल्द काम शुरू करेगा।

मीडया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि हम इस विचार से सहमत हैं। कोई स्टूडेंट अपनी मां का नाम लिखना चाहता हैं अथवा पिता का यह उसकी पसंद पर निर्भर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें यह अवधारणा पसंद आई और हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं है। यूजीसी शीघ्र ही इसपर काम करेगा।

मेनका गांधी ने अकेले दम पर बच्चों का पालन पोषण करने वाली माताओं की चिंताओं को उठाते हुए जावडेकर को पिछले महीने एक पत्र लिखकर उस नियम को बदलने की मांग की थी जिसके तहत स्टूडेंट्स के डिग्री सर्टिफिकेट में पिता का नाम लिखना अनिवार्य है।

मेनका ने अपने पत्र में लिखा, ऐसी बहुत सी महिलाओं ने मुझसे संपर्क किया है जो अपने पति से अलग हो चुकी हैं और उन्हें पिता के नाम के बिना अपने बच्चों के लिए डिग्री सर्टिफिकेट पाने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

मेनका ने इसे आगे समझाते हुए कहा कि विवाह का टूटना अथवा पति-पत्नी के बीच अलगाव अब एक हकीकत है और नियमों में भी यह दिखना चाहिए।पत्र में कहा गया कि अकेली अथवा अलग हो चुकी माताओं की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए हमें नियमों अथवा दिशानिर्देशों में बदलाव करके इस संबंध में एक प्रावधान लाने की जरूरत है।

गौरतलब है कि पिछले साल मेनका गांधी की ही पहल पर विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट आवेदन के नियमों में बदलाव करते हुए घोषणा की थी कि आवेदन में केवल एक ही अभिभावक का नाम काफी है।

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