नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार (1 फरवरी) को पांचवा बजट पेश किया। जेटली ने अपने बजट में जनता को 'हिंदी-इंग्लिश सरप्राइज' दिया। मतलब बजट भाषण 'हिंगलिश' में दिया। इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में खबरें आई थीं कि जेटली पहली बार हिंदी में बजट भाषण देने वाले हैं। हालांकि, उन्होंने भाषण दोनों भाषाओं में दिए लेकिन खेती-किसानी के बारे में हिंदी में ही उन्होंने अपनी बात रखी।
मीडिया ख़बरों के मुताबिक, देश की हिंदी पट्टी के राज्यों को ध्यान में रखकर जेटली इस बार हिंदी में ही बोलेंगे। हालांकि, उन्होंने बजट भाषण की शुरुआत अंग्रेजी में की। जेटली अपने भाषण में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का बराबर इस्तेमाल कर रहे हैं।
हिंदी भाषियों को लुभाने की कोशिश
दरअसल, इस साल 8 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं जिनमें राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे हिंदी भाषी राज्य भी शामिल हैं। ऐसे में जेटली की यह कवायद हिंदी भाषियों को लुभाने की मानी जा रही है।
बदली परिपाटी
उल्लेखनीय है, कि अभी तक सभी वित्त मंत्री अपना बजट भाषण अंग्रेजी में ही देते थे। इनमें बीच की एक-दो लाइनें हिंदी की होती थीं और शेर-ओ-शायरी भी हिंदी में की जाती थी। इस बार जेटली ने अंग्रेजी में भाषण शुरू करने के बाद हिंदी पर जोर दिया। किसानों और कृषि की बात करते हुए जेटली ने पूरी तरह हिंदी भाषा का इस्तेमाल किया।