Rajnath Singh on POK: राजनाथ सिंह ने फिर दोहराया, पीओके भारत का अंग, वापस लेना संसद का संकल्प

Rajnath Singh on POK: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को लेकर एकबार फिर बड़ा बयान दिया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-11-30 16:43 IST

Defence Minister Rajnath Singh (Image: Social Media)

Rajnath Singh on POK: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Union Defence Minister Rajnath Singh) ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को लेकर एकबार फिर बड़ा बयान दिया है। सिंह ने पीओके को भारत में पुनः शामिल करने की बात दोहराई है। उन्होंने संसद से पारित प्रस्ताव की याद दिलाते हुए कहा कि कश्मीर के उस हिस्से को वापस लाना देश की संसद का संकल्प है। वहां ऐसे हालत बन गए हैं कि लोग पाकिस्तान को नापसंद करने लगे हैं।

दरअसल, ये पहली बार नहीं है जब राजनाथ सिंह ने जब पाक अधिकृत कश्मीर को भारत में मिलाने की बात कही हो। इससे पहले शौर्य दिवस के मौके पर सेना के जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि जब तक गिलगित – बल्टिस्तान तक विकास नहीं पहुंचता कश्मीर का विकास अधुरा रहेगा। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान वहां के बाशिंदो पर अत्याचार कर रहा है, जिसके कारण वहां के लिए उनके खिलाफ हो चुके हैं।

सेना भी हर एक्शन के लिए तैयार

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद सेना के उत्तरी कमान अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी कहा था कि सरकार का जो भी निर्देश होगा, उसका पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हमेशा तैयार हैं और हमें आदेश मिलता है तो हम पीछे नहीं हटेंगे।

पीओके को लेकर केंद्रीय मंत्री का बड़ा आरोप

पिछले दिनों पूर्व सैन्य प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने जानबूझकर लार्ड माउंटबेटन को खुश करने के लिए पीओके को पाकिस्तान के कब्जे से युद्ध के दौरान मुक्त नहीं किया।

क्या है पीओके

बता दें कि पीओके यानी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, जम्मू एवं कश्मीर का वो हिस्सा है, जिस पर भारत दावा करता है लेकिन फिलहाल वह पाकिस्तान के कब्जे में है। यह दो भागों में बंटा हुआ है, जिसे गिलगित – बल्टिस्तान के नाम से जाना जाता है। बंटवारे के बाद पाकिस्तान ने गलत तरीके से कब्जा कर लिया था। उसने कबीलाई विद्रोहियों को मोहरा बनाकर यह साजिश रची थी। बंटवारे के बाद से ही दोनों देशों के बीच कश्मीर का ज्वलंत मुद्दा रहा है।

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