CAA in Bengal: ‘सात दिनों के अंदर लागू होगा देशभर में सीएए’, केंद्रीय मंत्री के दावे ने मचाई सियासी सनसनी

CAA in Bengal: केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा कि अगले सात दिनों में बंगाल ही क्या पूरे देश में सीएए कानून लागू हो जाएगा।

Update: 2024-01-29 08:02 GMT

CAA in Bengal. लोकसभा चुनाव को लेकर देश का सियासी पारा चढ़ने लगा है। सियासी समीकरणों के बनने और बिगड़ने का दौर भी शुरू हो गया है। सीटों के लिहाज से देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य पश्चिम बंगाल मे 2019 की तरह इस बार भी सत्तारूढ़ तृणमुल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच मुख्य मुकाबला होने की पूरी संभावना है। ऐसा सीएम ममता बनर्जी के इंडिया ब्लॉक से अलग होने के ऐलान के बाद हुआ है।

इस बीच केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर ऐसा दावा किया है, जिससे बंगाल की राजनीति गरमा गई है। बनगांव सीट से सांसद ठाकुर ने दावा किया है कि सात दिनों के अंदर देशभर में सीएए कानून लागू हो जाएगा। उन्होंने दक्षिण 24 परगना जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए ये कहा। उन्होंने कहा कि अगले सात दिनों में बंगाल ही क्या पूरे देश में सीएए कानून लागू हो जाएगा।


टीएमसी ने किया पलटवार

केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के बयान पर तृणमुल कांग्रेस ने पलटवार किया है। टीएमसी ने स्पष्ट किया कि बंगाल में किसी भी सूरत में सीएए को लागू नहीं होने दिया जाएगा। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने केंद्र और बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले लोगों को गुमराह करने के लिए ऐसी खबरें फैलाई जा रही हैं। दरअसल, बंगाल में सीएए एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा है। ममता लगातार इसका विरोध करते आ रही हैं। उन्होंने साफ कहा कि उनके रहते राज्य में ये कानून लागू नहीं होने दिया जाएगा।

अमित शाह और ममता के बीच हो चुका है वार-पलटवार

शांतनु ठाकुर से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी साफ कर चुके हैं कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) देश भर में लागू होकर रहेगा। बीते साल कोलकाता में बीजेपी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा था कि कभी-कभी वह लोगों और शरणार्थियों को गुमराह करने की कोशिश करती हैं। मैं आज स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि देश में सीएए लागू होगा या नहीं। सीएए देश का कानून और इसके क्रियान्वयन को कोई रोक नहीं सकता। ये हमारी पार्टी का कमिटमेंट है। इस कानून के तहत उन सभी लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी, जो पड़ोसी देशों में अपने धर्म को लेकर प्रताड़ित किए गए हैं।

इस पर सीएम ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा था कि वे लोगों को विभाजित करना चाहते हैं। वे इसे किसी को देना चाहते हैं और किसी को इससे वंचित करना चाहते हैं। यदि किसी समुदाय को नागरिकता मिल रही है तो दूसरे समुदाय को भी मिलनी चाहिए।

क्या है सीएए ?

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) 2019 संसद के दोनों सदनों से पास हो चुका है और इस पर राष्ट्रपति का हस्ताक्षर भी हो चुका है। इस कानून के मुताबिक, भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को देश की नागरिकता प्रदान करना है। इस कानून के विरोध में भड़के दंगों में 50 से ज्यादा लोगों की जान चुकी है। ये कानून अभी तक देश में लागू नहीं हो पाया है।

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