UNSC ने की पुलवामा हमले की निंदा, कहा- दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों से भरपूर समर्थन मिल रहा है। अब भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का भी साथ मिला है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पुलवामा हमले को जघन्य और कायराना कृत्य करार दिया है। साथ ही उसने इस हमले की कड़ी निंदा की है।

Update: 2019-02-22 04:09 GMT

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों से भरपूर समर्थन मिल रहा है। अब भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का भी साथ मिला है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पुलवामा हमले को जघन्य और कायराना कृत्य करार दिया है। साथ ही उसने इस हमले की कड़ी निंदा की है।

15 देशों के इस संगठन में चीन भी शामिल है। सुरक्षा परिषद ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे निंदनीय हमलों के लिए दोषियों को न्याय के कठघरे में लाकर कड़ी सजा मिलनी चाहिए। इसे पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

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सबसे बड़ी बात यह है कि संयुक्त राष्ट्र की सबसे ताकतवर संस्था ने जारी बयान में मसूद अजहर की अगुआई वाले आतंकी संगठन का नाम लिया है। यूएनएससी में चीन भी शामिल है, जो मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की भारत की कोशिशों का कई बार विरोध करते हुए वीटो पावर का इस्तेमाल कर चुका है। सुरक्षा परिषद ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हमले के लिए जिम्मेदार तत्वों पर शिकंजा कसने में भारत सरकार का सक्रिय सहयोग करने की अपील की है।

जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले पर यूएनएससी के बयान में कहा गया है, 'सुरक्षा परिषद के सदस्य 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर में हुए आत्मघाती हमले के जघन्य और कायराना कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, जिसमें भारतीय पैरा मिलिटरी फोर्स के 40 जवानों की मौत हुई है और दर्जनों जख्मी हो गए। इस हमले की जैश-ए-मोहम्मद ने जिम्मेदारी ली है।'

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बयान में कहा गया है, 'आतंकवाद के ऐसे निंदनीय कृत्य के लिए जिम्मेदार साजिशकर्ता, फाइनैंसर, और स्पॉन्सर को न्याय के दायरे में लाने की आवश्यकता है। हम सभी देशों को उनकी अंतरराष्ट्रीय कानूनी बाध्यताओं और सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का अनुपालन करते हुए भारत सरकार और दूसरी सभी एजेंसियों के साथ सक्रिय सहयोग की अपील करते हैं।'

यूएनएससी के सदस्य देशों ने इस हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों के साथ ही भारत की जनता और सरकार के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति जताई है। सुरक्षा परिषद ने घायल हुए जवानों के जल्द ठीक होने की कामना की है। बयान में कहा गया है कि 'सुरक्षा परिषद के सदस्यों का मानना है कि किसी भी तरह का आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है।'

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यूएनएससी के सदस्यों ने एक बार फिर दोहराया कि कहीं भी, कभी भी और किसी के द्वारा आतंकवाद का किसी भी तरह का कृत्य आपराधिक और अन्यायपूर्ण है, भले ही इसके पीछे कुछ भी मंशा हो।

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