69 हज़ार शिक्षक भर्ती: 5 साल में नहीं पूरी हुई भर्ती, हाई कोर्ट के बाद अभ्यर्थियों ने लगाई सुप्रीम कोर्ट से आस
UP Teacher Recruitment: 5 दिसंबर, 2018 को उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के बेसिक शिक्षा विभाग के लिए सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। असिस्टेंट टीचर रिक्वायरमेंट एग्जामिनेशन 5 जनवरी, 2019 को करवाई गई थी।
UP Teacher Recruitment: 69 हज़ार शिक्षक भर्ती उत्तर प्रदेश सरकार के गले फाँस बन चुकी है, जिसे सरकार ना निगल पा रही और ना उगल पा रही है। हालांकि 12 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई करने जा रही है लेकिन अभ्यर्थियों की माने तो उन्हें उम्मीद कम ही है कि इस मामले की सुनवाई मंगलवार को हो पाएगी। अभ्यर्थियों को मानना है कि नव नियुक्त चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को पदग्रहण करे अभी 1 ही दिन हुआ है तो अभी भर्ती के मामले पर निर्णय आना मुश्किल ही दिख रहा है।
कोई अभ्यर्थी नहीं होगा ओवर ऐज
69 हजार शिक्षक अभ्यर्थी अमरेंद्र ने बताया कि इस भर्ती के 5 साल बीत जाने के बाद भी कोई अभ्यर्थी ओवर ऐज नहीं होगा। क्योंकि अभ्यर्थियों की उम्र तब से जोड़ी जाती है जब अभ्यर्थी ने आवेदन किया था।
कैसे शुरू हुई 69 हज़ार शिक्षक भर्ती
5 दिसंबर, 2018 को उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के बेसिक शिक्षा विभाग के लिए सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। असिस्टेंट टीचर रिक्वायरमेंट एग्जामिनेशन 5 जनवरी, 2019 को करवाई गई थी। पेपर के लिए आवेदन करने वाले 4.31 लाख अभ्यर्थियों में से 4.10 लाख ने इस आवेदन को भरा । 12 मई को इसका रिजल्ट आया था। इसमें 1.46 लाख उम्मीदवारों ने क्वालीफाई किया।। जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए कट ऑफ 67.11 फीसदी था । ओबीसी के लिए 66.73 फीसदी, एससी कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए कट ऑफ 61.01 फीसदी था।
इसके बाद चुने गए उम्मीदवारों के लिए दो लिस्ट जारी की गई थी। इसमें से एक 11 अक्टूबर 2020 को जारी की गई थी। इसमें 31,277 अभ्यर्थी थे और वहीं अब दूसरी लिस्ट 30 अक्टूबर 2020 को जारी की गई थी। इसमें कुल 36,590 अभ्यर्थी थे। अब टोटल करें तो 69,000 पदों में से 67,867 अभ्यर्थी थे। एसटी कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए बचे हुए 1,133 पद उम्मीदवारों के ना होने की वजह से खाली दिखाए गए।
भर्ती में क्या थे आरोप
भर्ती को चुनौती देने वाले उम्मीदवारों के मुताबिक ओबीसी उम्मीदवारों को 27 फीसदी की जगह सिर्फ 3.86 फीसदी आरक्षण मिला, जबकि अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को 21 फीसदी की जगह 16.2 फीसदी आरक्षण मिला। साल 2021 में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में प्रदर्शन करने वाले छात्रों के एक डेलिगेशन से मुलाकात की और बेसिक डिपार्टमेंट के अधिकारियों से जल्द ही कुछ हल निकालने के लिए कहा था।