‘स्टैचू ऑफ यूनिटी': दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बनाने वाले शिल्पकार का यूपी कनेक्शन
नोएडा: देश के पहले गृहमंत्री रहे लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में बनाई गई दुनिया की सबसे ऊंची 182 मीटर की मूर्ति ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी' का आज पीएम मोदी अनावरण करेंगे। ऐसे में यह सवाल हर किसी के मन में होगा कि इस मूर्ति को किसने मॉडल या मूर्तरूप दिया होगा। आज newstrack.com आपको इस मूर्ति को बनाने वाले के बारे में बताने जा रहा है।
दुनिया की सबसे ऊंची इस प्रतिमा को मूर्त रूप देने वाले शिल्पकार पद्म विजेता रामवन सुतार ने बनाया है जो कि नोएडा में रहते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरदार पटेल के जन्मदिवस पर आज इस अनोखी धरोहर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देश का गर्व बनाएंगे। इसे साकार रूप देने वाले 93 वर्षीय रामवन ने मीडिया से प्रतिमा के निर्माण व तकनीक को लेकर खास बातें साझा कीं।
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जानें शिल्पकार पद्म विजेता रामवन सुतार के बारे में
93 वर्षीय पद्मश्री, पद्म भूषण विजेता रामवन सुतार का जन्म महाराष्ट्र में हुआ था। रामवन सुतार को टैगोर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इन्होंने अपना कार्यक्षेत्र नोएडा को बनाया। सुतार नाएडा के सेक्टर 19 में रहते हैं और सेक्टर 63 के ए ब्लॉक के वर्कशॉप में दुनिया भर की शख्सियतों की आदमकद प्रतिमाएं बनाई जाती हैं। रामवन अकेले ऐसे मूर्तिकार हैं, जिन्होंने राष्ट्रपति महात्मा गांधी की देश व दुनिया भर में लगी सभी प्रतिमाओं को अपने हाथों से तैयार किया है।
ये है प्रतिमा की खासियत
1. सात हिस्सों में तैयार की गई प्रतिमा
रामवन पिछले 4 वर्षों से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को बनाने में जुटे थे। उन्होंने बताया कि प्रतिमा के सांचे को तैयार करते समय यह ध्यान रहा कि सरदार पटेल का लौह पुरुष वाला व्यक्तित्व इसमें भी दिखाई दे। प्रतिमा सात हिस्सों में ले जाकर गुजरात में स्थापित की गई है। इसका जो मॉडल उन्होंने बनाया था, बाद में उसमें थोड़ा फेरबदल भी किया गया है।
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2. 70 फुट लंबा है सरदार का चेहरा
मूल मॉडल में उनके पैर आगे-पीछे थे, जबकि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में दोनों पैर एक साथ हैं। चेहरे की ऊंचाई करीब 70 फुट है। दोनों कंधों की चौड़ाई 140 फुट के करीब है। प्रतिमा के अंदर एक लिफ्ट लगाई गई है। इसमें बैठकर लोग लगभग 400 फुट की ऊंचाई पर जा सकेंगे। वहां सीने के पास लिफ्ट का दरवाजा खुलेगा। वहां बनी एक गैलरी से लोग सरदार पटेल के चेहरे को नजदीक से देख सकेंगे।
3. इन इन धातुओं से बनी है मूर्ति
रामवन सुतार ने बताया कि कांस्य की जितनी भी प्रतिमाएं तैयार की जाती हैं, उनमें 85 प्रतिशत कॉपर, 5 प्रतिशत जिंक, 5 प्रतिशत टिन और 5 प्रतिशत लेड होता है। इस मिश्रण से तैयार होने वाली प्रतिमाओं में हजारों साल तक भी जंग नहीं लगता।
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सुतार ने अयोध्या में भगवान श्रीराम की मूर्ति का मॉडल भेजा
रामवन सुतार के बेटे अनिल सुतार ने इस बात की पुष्टि की है कि अयोध्या में भगवान श्रीराम की 100 फुट की जो मूर्ति बनाई जानी है उसके दो मॉडल यूपी पर्यटन मंत्रालय ने मांगे थे। इनको तैयार करके राज्य सरकार के अधिकारियों के सामने प्रस्तुत कर दिया गया है।