IAS Pooja Khedkar Case: UPSC ने ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर दर्ज कराया एफआईआर, नौकरी जानी तय!
IAS Pooja Khedkar Case: इसके अलावा सिविल सेवा परीक्षा 2022 से उनकी उम्मीदवारी रद्द करने और भविष्य की परीक्षाओं से उन्हें रोकने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
IAS Pooja Khedkar Case: ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। विवादों में घिरने के बाद संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पूजा खेडकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। इसके अलावा सिविल सेवा परीक्षा 2022 से उनकी उम्मीदवारी रद्द करने और भविष्य की परीक्षाओं से उन्हें रोकने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
आपकी उम्मीदवारी क्यों न रद्द कर दी जाए
आयोग ने नोटिस जारी कर पूजा खेडकर से जवाब मांगा है कि आपकी उम्मीदवारी क्यों न रद्द की जाए और आगामी यूपीएससी की परीक्षाओं से वंचित क्यों न रखा जाए। यूपीएससी की ओर से कहा गया है, पूजा खेडकर के खिलाफ विस्तृत जांच कराई गई है। जांच में पता चला है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा 2022 में नियमों का उल्लघंन किया था। उनकी परीक्षा में बैठने की लिमिट पूरी हो गई थी। इसके बाद उन्होंने फर्जी तरीके से अपनी पहचान बदलकर यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दी। उन्होंने अपने नाम, पिता का नाम, मां का नाम, फोटो और साइन तक बदल डाले। इसके अलावा मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और पता भी बदला। गलत तरीके से नई पहचान बनाने की वजह से उन्हें लिमिट से ज्यादा बार परीक्षा में बैठने का मौका मिला।
इससे पहले उनका ट्रेनिंग प्रोग्राम भी रद्द कर दिया गया था। उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी ने पूजा खेडकर का महाराष्ट्र से ट्रेनिंग प्रोग्राम रद्द करके एकेडमी ने उन्हें तत्काल वापस बुलाने के लिए लेटर भी जारी किया था। इसके अलावा एकेडमी ने महाराष्ट्र सरकार को भी इस संबंध में पत्र लिखकर जानकारी दी थी।
एलबीएसएनएए द्वारा पूजा खेडकर को जारी आदेश में कहा गया है, आपके जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित रखने तथा आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए आपको तुरंत वापस बुलाने का निर्णय लिया है। अतः आपको महाराष्ट्र राज्य सरकार के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से मुक्त किया जाता है। एकेडमी का पत्र इसके साथ संलग्न है। आपको यथाशीघ्र, किन्तु किसी भी परिस्थिति में 23 जुलाई, 2024 के बाद एकेडमी में शामिल होने का निर्देश दिया जाता है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का प्रमाण पत्र जमा करके यूपीएससी परीक्षा में हिस्सा लिया था। उसके आधार पर विशेष रियायतें पाकर वो आईएएस बनीं। यदि उन्हें यह रियायत नहीं मिलती तो उनके लिए प्राप्त अंकों के आधार पर आईएएस का पद प्राप्त करना असंभव होता। पूजा खेडकर पर आरोप है कि चयन के बाद पूजा को मेडिकल जांच से गुजरना था, लेकिन उन्होंने इसे टाल दिया। उन्होंने विभिन्न कारणों से छह बार मेडिकल परीक्षण से इनकार कर दिया। बाद में बाहरी मेडिकल एजेंसी से एमआरआई रिपोर्ट जमा करने का विकल्प चुना, जिसे यूपीएससी ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया। हालांकि बाद में यूपीएससी ने इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। इसके चलते सरकार से इसकी जांच की मांग की जा रही है।
इसके अलावा उनकी उम्र को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. दस्तावेजों से पता चलता है कि पूजा खेडकर द्वारा 2020 और फिर 2023 में केंद्रीय अपीलीय ट्रिब्यूनल को विवरण दिए गए. इसमें तीन साल के अंतराल के बावजूद सिर्फ एक साल आयु बढ़ना दिखाया गया है. हालांकि, खेडकर ने अपनी बेंचमार्क डिसेबिलिटी साबित करने के लिए कोई टेस्ट नहीं कराया. यूपीएससी ने उनके चयन को केंद्रीय अपीलीय न्यायाधिकरण (कैट) में चुनौती दी थी, जिसने फरवरी 2023 में उनके खिलाफ फैसला सुनाया था. खेडकर ने 2020 और 2023 के कैट आवेदन फॉर्म में खुद के लिए बेंचमार्क विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए ऊपरी आयु सीमा में छूट मांगी है