UPSC बदलेगा परीक्षा सिस्टम, कड़ी जांच लागू करने का इरादा
UPSC: ओवरहॉलिंग का विचार प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के मामले के मद्देनजर आया है।
UPSC: यूपीएससी यानी संघ लोक सेवा आयोग अपनी परीक्षा प्रणाली को ओवरहाल करने जा रहा है। नए उपायों में आधार बेस्ड फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण, उम्मीदवारों की चेहरे की पहचान, लाइव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सीसीटीवी निगरानी शामिल है। यूपीएससी अब अपनी परीक्षाओं के दौरान "धोखाधड़ी, जालसाजी, अनुचित साधन और प्रतिरूपण" को रोकने के लिए ये उपाय शुरू करने की योजना बना रहा है। ओवरहॉलिंग का विचार प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के मामले के मद्देनजर आया है। सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए अटेम्प्ट के मानदंडों का उल्लंघन करने और अपनी पहचान को गलत बताने के लिए वह यूपीएससी जांच का सामना कर रही हैं।
यूपीएससी की योजना राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा नीट यूजी परीक्षा सहित परीक्षाओं के संचालन को लेकर विवाद के बाद आई है। यूपीएससी ने अब अपने द्वारा आयोजित परीक्षाओं के दौरान टेक्निकल सेवाएं प्रदान करने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों से बोलियां आमंत्रित की हैं। आयोग द्वारा हाल ही में जारी निविदा में जिन सेवाओं को सूचीबद्ध किया गया है, उनमें आधार बेस्ड फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण (या फिर डिजिटल फिंगरप्रिंट कैप्चरिंग) और उम्मीदवारों की चेहरे की पहचान; ई-एडमिट कार्ड की क्यूआर कोड स्कैनिंग, और लाइव एआई बेस्ड सीसीटीवी निगरानी शामिल है।
क्या है टेंडर में
टेंडर दस्तावेजों में यह भी कहा गया है कि परीक्षा कार्यक्रम, परीक्षा स्थलों की विस्तृत सूची और प्रत्येक स्थल के लिए उम्मीदवारों की संख्या यूपीएससी द्वारा इन टेक्निकल सेवाओं के प्रदाता को परीक्षा से दो से तीन सप्ताह पहले “ऑन-साइट तैयारी करने के लिए” प्रदान की जाएगी। यूपीएससी फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण और चेहरे की पहचान में उपयोग के लिए परीक्षा से सात दिन पहले उम्मीदवारों का विवरण (नाम, रोल नंबर, फोटो आदि) भी आयोग प्रदान करेगा।
स्कैनिंग करनी होगी
सेवा प्रदाता को प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर पर्याप्त जनशक्ति के साथ क्यूआर कोड स्कैनर वाली हैंड हेल्ड डिवाइस तैनात करना होगा और यूपीएससी द्वारा प्रदान किए गए डेटा से उम्मीदवार के विवरण को स्वचालित रूप से प्राप्त करने के लिए एडमिट कार्ड पर क्यूआर कोड को स्कैन किया जाएगा।
दस्तावेज़ में कहा गया है कि यूपीएससी द्वारा निर्धारित मुख्य परीक्षा/साक्षात्कार/सत्यापन प्रक्रिया के समय, सेवा प्रदाता को परीक्षा के प्रारंभिक चरणों के दौरान कैप्चर किए गए उम्मीदवार डेटा से उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करनी होगी।
सीसीटीवी कैमरे
प्रत्येक परीक्षा हॉल या कमरे में सीसीटीवी लगाए जाने हैं, ताकि आयोग की परीक्षाओं के संचालन के दौरान उम्मीदवारों और अन्य व्यक्तियों की विभिन्न गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके।
निविदा दस्तावेज़ों के अनुसार, सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) सहित, यूपीएससी भारत सरकार के ग्रुप 'ए' और ग्रुप 'बी' पदों पर भर्ती के लिए भर्ती परीक्षा और साक्षात्कार के साथ-साथ एक वर्ष में 14 परीक्षाएँ आयोजित करता है।