भारत में बनी इस वैक्सीन को लेकर अमेरिकी मीडिया ने खड़े किये सवाल, पढ़ें ये रिपोर्ट

वैक्सीन एक्सपर्ट गगनदीप कांग कहती हैं कि वैक्सीन को लेकर भरोसे की कमी नहीं है। लेकिन जिस तरीके से और जिस प्रक्रिया के तहत वैक्सीन को मंजूरी दी गई है उसमें भरोसे की कमी है।

Update:2021-01-16 14:26 IST
पब्लिक हेल्थ और बायोएथिक्स एक्सपर्ट अनंत भान कहते हैं कि डेटा के बिना ही रेग्यूलेटर्स ने भारत बायोटेक की वैक्सीन को मंजूरी कैसे दी, इसको लेकर काफी अटकलें चल रही हैं।

वाशिंगटन: भारत में कोरोना टीकाकरण आज शुरू हो गया है। इसको लेकर अमेरिकी मीडिया ने भी प्रमुखता से खबरें प्रकाशित की हैं।

लेकिन उन्होंने भारत की एक कोरोना वैक्सीन पर सीधे-सीधे सवाल खड़े कर दिए हैं। ये वैक्सीन कोई और नहीं बल्कि Covaxin है। जिसके बाद से अब इसके उपयोग को लेकर तरह-तरह के सवाल लोगों में मन में पैदा होना शुरू हो गए हैं।

अमेरिकी मीडिया ने Covaxin के बारें में ऐसा क्या लिखा है?

रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी मीडिया ने भारत की एक कोरोना वैक्सीन Covaxin के बारे में लिखा है कि यह साफ नहीं है कि यह वैक्सीन काम करेगी या नहीं।

रिपोर्टस में एक्सपर्ट्स के हवाले से कहा गया है कि कोरोना की एक वैक्सीन Covaxin के डेटा को लेकर कई सवाल मौजूद हैं और लोगों को दो में से एक वैक्सीन चुनने का विकल्प भी नहीं दिया जाएगा।

अमेरिकी मीडिया ने साथ ये भी लिखा है कि मोदी भारत में कोरोना टीकाककरण लॉन्च कर रहे हैं, यह गर्व और संदेह का मिलाजुला समय है। भारत में दो वैक्सीन को सीमित आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली है।

इनमें से एक है भारत बायोटेक की Covaxin और दूसरी है सीरम इंस्टीट्यूट की Covishield। Covishield ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनका की ओर से तैयार की गई वैक्सीन का भारतीय संस्करण है।

भारत में बनी इस वैक्सीन को लेकर अमेरिकी मीडिया ने खड़े किये सवाल, पढ़ें ये रिपोर्ट (फोटो:सोशल मीडिया)

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रिपोर्ट्स में लिखी हैं कई चौंकाने वाली बातें

रिपोर्ट्स में आगे लिखा है। भारत बायोटेक की वैक्सीन Covaxin के फेज-3 ट्रायल पूरे नहीं हुए हैं। शुरुआती स्टेज के ट्रायल हुए हैं, लेकिन उससे जुड़ा डेटा मुहैया नहीं कराया गया है जिससे पता चल सके कि वैक्सीन काम करती है या नहीं।

भारतीय अधिकारियों ने इससे पहले यह भी कहा था कि Covaxin 'क्लिनिकल ट्रायल मोड' में लोगों को दी जाएगी। भारत की प्रसिद्ध वैक्सीन एक्सपर्ट गगनदीप कांग ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि उन्हें नहीं पता इस बात का क्या मतलब है।

पब्लिक हेल्थ और बायोएथिक्स एक्सपर्ट अनंत भान कहते हैं कि डेटा के बिना ही रेग्यूलेटर्स ने भारत बायोटेक की वैक्सीन को मंजूरी कैसे दी, इसको लेकर काफी अटकलें चल रही हैं।

रिपोर्ट्स में ये भी लिखा है कि वैक्सीन के प्रभावी होने को लेकर जताई जा रही चिंताओं पर जब भारत बायोटेक से सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब देने से मना कर दिया।

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भारत में बनी इस वैक्सीन को लेकर अमेरिकी मीडिया ने खड़े किये सवाल, पढ़ें ये रिपोर्ट (फोटो: सोशल मीडिया)

जिस प्रक्रिया के तहत वैक्सीन को मंजूरी दी गई उसमें भरोसे की कमी: वैक्सीन एक्सपर्ट गगनदीप

लेकिन कंपनी ने कहा कि शुरुआती स्टेज के ट्रायल में इम्यून रेस्पॉन्स हुआ था जिससे भविष्य के परिणामों के संकेत मिलते हैं।

वैक्सीन एक्सपर्ट गगनदीप कांग कहती हैं कि वैक्सीन को लेकर भरोसे की कमी नहीं है। लेकिन जिस तरीके से और जिस प्रक्रिया के तहत वैक्सीन को मंजूरी दी गई है उसमें भरोसे की कमी है। अगर मैं वैक्सीन लगवाती हूं और इससे अन्य लोग वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार होते हैं, तो यह ठीक तरीका नहीं है।

रिपोर्टस में इस बात का उल्लेख किया गया है कि शुरुआत में भारतीय अधिकारियों ने कहा था कि Covaxin बैकअप के रूप में उपलब्ध रहेगी।

लेकिन बाद में सरकार ने कहा कि दोनों वैक्सीन (Covishield और Covaxin) का इस्तेमाल एक साथ ही शुरू किया जाएगा और लोगों को पसंदीदा वैक्सीन चुनने का विकल्प नहीं दिया जाएगा।

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