पाकिस्तान का चेहरा हुआ बेनकाब, अमेरिका ने कही ये बात
भारत ने अमेरिका को फिर से स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता किसी भी हालत में स्वीकार नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश...
नई दिल्ली। भारत ने अमेरिका को फिर से स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता किसी भी हालत में स्वीकार नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी।
एक अन्य सवाल के जवाब में रवीश कुमार ने कहा कि कश्मीर पर तनावपूर्ण स्थिति बनाने की पाक की कोशिश विफल हो चुकी है और दुनिया को उसका दोहरा मापदंड डबल स्टैंडर्ड समझ आ चुका है।
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पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावोस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास इस मुद्दे को उठाया था। ट्रंप ने भी उन्हें भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगे। इससे पाक काफी उत्साहित दिख रहा था। ट्रंप ने कहा कि इमरान उनके बेहद करीबी दोस्त हैं और उनके लिए वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कश्मीर के मसले पर जरूर बात करेंगे।
कश्मीर पर तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं-रवीश
इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए रवीश कुमार ने कहा, 'कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष को लेकर हमारा पक्ष स्पष्ट है और उसमें कोई बदलाव नहीं होने वाला है। मैं एक बार फिर से दोहराना चाहता हूं कि इस मामले में तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है।'
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उन्होंने कहा कि अगर कोई द्विपक्षीय मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच है तो शिमला समझौते व लाहौर घोषणा के तहत दोनों देशों के बीच ही होना चाहिए। मगर यह पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि वह बातचीत के लिए सही माहौल तैयार करे। इसके लिए उसे आतंकवाद और हिंसा का रास्ता छोड़ना होगा।
आतंकी फंडिंग से बाज नहीं आ रहा पाक
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने आतंकवाद के लिए पाकिस्तान की फंडिंग पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान पर शिकंजा कसा है। पेरिस में 16 फरवरी से बैठक हो रही है। हमें लगता है कि तय मापदंडों के अनुसार यह देखा जाएगा कि पाक ने आतंकवाद पर लगाम कसने के लिए क्या—क्या किया।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जिस तरह से आतंकवाद का वित्तीय पोषण कर रहा है, वह चिंता का विषय है। अब एफएटीएफ के सदस्यों को देखना है कि इमरान सरकार ने इसे बंद करने के लिए क्या किया है।
ट्रंप ने चौथी बार कश्मीर मुद्दा उठाया
बीते छह महीने में यह चौथा मौका है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चौथी बार कश्मीर पर मध्यस्थता करने की बात कही है। आखिरी बार सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा से अलग एक ट्रंप और इमरान खान ने मुलाकात की थी और तब भी ट्रंप ने मध्यस्थता की बात कही थी।