उत्तराखंड : नए डॉक्टरों ने गांव में जाने से ना नुकुर की तो, भरना होना इतना जुर्माना

उत्तराखंड सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों से फीस में छूट लेकर पढ़ाई पूरी कर निकलने वाले डॉक्टरों पर शिकंजा कस दिया है। कोर्स करने के बाद अब यदि इन नए डॉक्ट

Update: 2017-12-02 13:43 GMT
उत्तराखंड : नए डॉक्टरों ने गांव में जाने से ना नुकुर की तो, भरना होना इतना जुर्माना

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों से फीस में छूट लेकर पढ़ाई पूरी कर निकलने वाले डॉक्टरों पर शिकंजा कस दिया है। कोर्स करने के बाद अब यदि इन नए डॉक्टरों ने गांव में सेवा करने से ना नुकुर की तो उन्हें थोड़ा बहुत नहीं एक करोड़ जुर्माना भरना पड़ सकता है।सरकार ने बांड की धनराशि तीस लाख से बढ़ाकर एक करोड़ कर दी है।

गांवों में मेडिकल सुविधाओं की कमी और मेडिकल कॉलेजों से पढ़ाई करके निकलने वाले डॉक्टरों को गांव जाने के लिए बाध्य करने के लिए सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है। इसके तहत सरकारी मेडिकल कालेजों से पास आउट डॉक्टरों की नकेल कस दी गई है। वह अब बांड की शर्तों का उल्लंघन करने के बारे में सोच भी नहीं पाएंगे। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें गांव में जाकर सेवाएं देनी ही होंगी।

गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार हल्द्वानी व श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कम फीस पर एमबीबीएस, एमडी व एमएस कोर्स करा रही है।यह कोर्स कम फीस पर छात्रों को इस शर्त पर कराए गए कि वे कॉलेज से निकलकर स्वास्थ्य विभाग के सुदूरवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित अस्पतालों में कुछ समय तक अपनी सेवाएं देंगे। लेकिन कोई भी डॉक्टर गांव में जाना नहीं चाहता था वह तीस लाख रुपए भरकर बच निकलते थे। इसीलिए अब इस राशि को बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया गया है।

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