Uttarkashi Tunnel Accident: अब कुछ ही मीटर लक्ष्य भेदना बाकी, सुरंग से जल्द आ सकती है गुड न्यूज, जानिए ड्रिलिंग में क्या आ रही दिक्कतें
Uttarkashi Tunnel Accident: ड्रिलिंग में आ रही दिक्कतों के कारण श्रमिकों के बाहर आने का इंतजार बढ़ गया है मगर जानकारी का मानना है कि जल्द ही श्रमिकों के बाहर आने की गुड न्यूज़ मिल सकती है।
Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तराखंड में उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। ड्रिलिंग में आ रही दिक्कतों के कारण श्रमिकों के बाहर आने का इंतजार बढ़ गया है मगर जानकारी का मानना है कि जल्द ही श्रमिकों के बाहर आने की गुड न्यूज़ मिल सकती है।
अमेरिकी ऑगर मशीन ने अभी तक 48 मीटर तक ड्रिलिंग का काम पूरा किया है जबकि मजदूर सुरंग में करीब 60 मीटर की दूरी पर फंसे हुए हैं। ऐसे में मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अभी भी 12 मीटर खुदाई किए जाने की जरूरत है।
मशीन का बेस मजबूत बनाने की कोशिश
बचाव अभियान की निगरानी करने के लिए केंद्रीय मंत्री वीके सिंह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौके पर डेरा डाल रखा है। गुरुवार को रात भर मशीन का बेस मजबूत करने के लिए काम किया गया। बेस मजबूत होने के बाद ही ड्रिलिंग का काम शुरू हो पाएगा। ड्रिलिंग के दौरान तेज कंपन होने के कारण मशीन का बेस हिल गया था।
ड्रिलिंग के काम में आ रही बाधाओं के कारण सुरंग में फंसे मजदूरों और बाहर उनकी प्रतीक्षा कर रहे परिजनों का इंतजार लंबा होता जा रहा है। जानकारों का कहना है कि आज उम्मीद की जा रही है कि कुछ समय की निर्बाध ड्रिलिंग के बाद सभी मजदूर बाहर निकाल लिये जाएंगे।
रेस्क्यू अभियान में आ रहीं तमाम बाधाएं
पिछले 24 घंटे के दौरान राहत एवं बचाव दल को कई बाधाओं का सामना करना पड़ा है। इस कारण गुरुवार को सिलक्यारा की तरफ से स्टील के पाइपों से बनाई जा रही निकास सुरंग में महज 1.8 मीटर ड्रिलिंग का काम ही पूरा हो सका। श्रमिकों तक पहुंचने के लिए अभी करीब 12 मीटर तक ड्रिलिंग की जानी बाकी है। ड्रिलिंग को पटरी पर लाने के लिए तमाम मोर्चों पर काम किया जा रहा है।
रेस्क्यू एजेंसियों को गुरुवार को रेस्क्यू अभियान पूरा हो जाने की उम्मीद थी मगर गुरुवार को तीन बार ऑगर मशीन में खराबी आने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावित हुआ। ऑगर मशीन के जरिए ही सुरंग में ड्रिलिंग की जा रही है और 800 एमएम व्यास के पाइप डाले जा रहे हैं।
इन्हीं पाइपों के जरिए मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने की तैयारी है। मशीन में बार-बार खराबी आने के कारण मजदूरों को बाहर निकलने का ऑपरेशन अभी तक पूरा नहीं हो सका है।हालांकि बचाव दल का मानना है कि ऑपरेशन अब अंजाम के काफी करीब पहुंच चुका है।
सच साबित हुई एजेंसियों की आशंका
बचाव अभियान में जुटी एजेंसियों का मानना था कि शुरुआती 22 मीटर तक पाइप को डालने में कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन सबसे अधिक बाधा 22 से 45 मीटर के बीच पाइप डालने में आ सकती है। यह आशंका बिल्कुल सही साबित हुई। बुधवार को ड्रिलिंग के दौरान 42 मीटर पर पाइप अटक गया।
जांच की गई तो पाया गया कि पाइप की राह में लोहे की मोटी राड रोड़ा अटका रही है। इस पर बुधवार रात ड्रिलिंग का काम रोकना पड़ा। ड्रिलिंग की राह में सरिया और धातु के टुकड़े आने के कारण अभियान को रोकना पड़ा। बाद में पांच घंटे की अथक मेहनत के बाद गैस कटर के जरिए सरिया व धातु के अवरोध को काटा गया।
जल्द ही श्रमिकों तक पाइप पहुंचने की उम्मीद
प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार व उत्तराखंड सरकार में ओएसडी भास्कर खुल्बे ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन काफी तेजी से चलाया जा रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही श्रमिकों तक पाइप पहुंचा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस निकासी सुरंग को पहले पानी से धोया जाएगा, ताकि इसमें लगी मिट्टी व पत्थर साफ हो जाएं। इससे श्रमिकों को बाहर निकलने में कोई दिक्कत नहीं होगी। इसके बाद इसमें स्ट्रेचर के जरिये श्रमिकों को आसानी से बाहर निकाल लिया जाएगा।
बचाव अभियान में जुटी हैं 19 एजेंसियां
मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने के लिए केंद्र व राज्य सरकार की 19 एजेंसियां जुटी हुई हैं। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि मेरी सबसे बड़ी चिंता सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को लेकर है। श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से विश्वस्तरीय तकनीकी प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमें जल्द ही ऑपरेशन के कामयाब होने की उम्मीद है। वह क्षण हमारे लिए वास्तविक इगास का होगा। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश की कामना है कि जल्द से जल्द मजदूरों को बाहर निकलने का यह ऑपरेशन पूरा हो।
रेस्क्यू का सामान लेकर आएगी मालगाड़ी
सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रेस्क्यू का सामान लेकर आज ओडिशा से एक मालगाड़ी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। बुधवार को गुजराती के वापी से दो ड्रिलिंग मशीन को मंगाने के बाद एक मालगाड़ी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुंची थी। यहां से चार ट्रकों के जरिए मशीन को उत्तरकाशी भेजा गया था।
ओडिशा से मालगाड़ी पहुंचने के बाद रेस्क्यू उपकरणों को उत्तरकाशी भेजा जाएगा। योगनगरी रेलवे स्टेशन के स्टेशन प्रबंधक जीएस परिहार ने बताया कि मालगाड़ी के देर रात तक ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर पहुंचने की उम्मीद है।