Uttarkashi Tunnel Accident: टनल के अंदर फंसे मजदूरों की पहली बार आई तस्वीर, सभी दिखे सुरक्षित, बचाव अभियान तेज
Uttarkashi Tunnel Accident: सोमवार को भूस्खलन के मलबे में छह पाइप डालने के बाद मजदूरों तक पहली बार सॉलिड फूड पहुंचाया गया। इसके साथ ही पाइप के जरिए कैमरा भी भेजा गया।
Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक निर्माणधीन टनल के अंदर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए जारी रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 10वां दिन है। बचावकर्मी 24 घंटे इस काम में लगे हुए हैं। इस बीच घटनास्थल से एक बड़ी राहतभरी खबर आई है। सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों की पहली तस्वीर सामने आई है, जिसमें सभी सुरक्षित दिख रहे हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर अंदर फंसे श्रमिकों की तस्वीर शेयर की है। उन्होंने लिखा, सिल्क्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फँसे श्रमिकों की पहली बार तस्वीर प्राप्त हुई है। सभी श्रमिक भाई पूरी तरह सुरक्षित हैं, हम उन्हें शीघ्र सकुशल बाहर निकालने हेतु पूरी ताक़त के साथ प्रयासरत हैं।
पाइप के जरिए अंदर भेजा गया था कैमरा
सोमवार को भूस्खलन के मलबे में छह पाइप डालने के बाद मजदूरों तक पहली बार सॉलिड फूड पहुंचाया गया। इसके साथ ही पाइप के जरिए कैमरा भी भेजा गया। जिससे टनल के अंदर की तस्वीर सामने आई है। बीते 10 दिन में ऐसा पहली बार हुआ है, जब सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के फोटो और वीडियो सामने आए हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि मजदूर किन हालात में सुरंग में रह रहे हैं।
अधिकारियों ने इस दौरान मजदूरों से वॉकी टॉकी पर बात भी की और उनका हालचाल जाना। रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि हम सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को खाना, मोबाइल और चार्जर भेजने की कोशिश कर रहे हैं। हम अंदर वाईफाई कनेक्शन लगाने की भी कोशिश करेंगे। इस काम में डीआरडीओ के रोबोट भी लगाए गए हैं।
आज खाने में भेजा जाएगा दलिया
सोमवार को पहली बार सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को पका हुआ खाना भेजा गया। कल रात 24 बोतल भरकर खिचड़ी और दाल भेजी गई। इसके अलावा संतरे, सेब और नींबू का जूस भी भेजा गया। 9 दिन बाद पहली बार मजदूरों को भरपेट भोजन मिला। अभी तक पाइप के जरिए सिर्फ मल्टी बिटामिन, मुरमुरा और सूखे मेवे भेजे जा रहे थे। आज मजदूरों को दलित और अन्य खाद्य सामग्री भेजी जाएगी।
10 दिन से फंसे हैं मजदूर
बता दें कि रविवार 12 नवंबर को सुबह चार बजे चारधाम परियोजना के तहत ब्रह्मकमल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही एक निर्माणधीन टनल धंस गई थी, जिसके अंदर रह रहे 41 श्रमिक फंसे गए। शुरू में 40 श्रमिकों के ही अंदर फंसे होने की जानकारी थी। सातवें दिन 41वें मजदूर का पता चला। श्रमिकों को निकालने के लिए पांच प्लान बनाए गए हैं, जिनमें से फिलहाल दो पर काम चल रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन में विदेशी कंपनियों से भी मदद ली जा रही है। अमेरिकी ऑगर मशीन आने के बाद बचाव अभियान ने गति पकड़ी है।
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