उत्तराखंड की त्रिवेन्द्र सरकार से अपनों के हजार सवाल

Update: 2017-12-02 12:17 GMT
त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम हुआ देवभूमि का ताज, कुछ ऐसा रहा संघ से लेकर सत्ता तक का सफर

देहरादून : उत्तराखंड सरकार बड़ी अजीबो गरीब स्थिति में फंसती नजर आ रही है । विधानसभा का गैरसैण में सत्र सात दिसंबर से होने जा रहा है। सीएम त्रिवेन्द्र रावत के लंबे मौन से सभी आहत हैं खासकर उनकी पार्टी के लोग।

सीएम की चुप्पी से बेचैन सत्तारूढ़ बीजेपी के विधायकों के लिए गैरसैण सत्र अपनी ही सरकार पर हमलावर होने का एक मौका बन गया है। हालत यह है कि विपक्ष से ज्यादा सत्तापक्ष के विधायकों ने सवाल पूछ डाले हैं। संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत की मानें तो सवालों की संख्या एक हजार के ऊपर जा सकती है। जाहिर तौर पर अपने ही विधायकों के सवालों से सरकार परेशान होगी ।

कहा यह भी जा रहा है कि त्रिवेंद्र कैबिनेट के उन मंत्रियों को अपने ही विधायकों के तीखे सवालों का सामना करना पड़ेगा जो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए हैं। बीजेपी में भीतरी बनाम बाहरी की आग भी कुछ तेज हो गई है। ये शुभ संकेत नहीं हैं। सदस्यों ने समाज कल्याण, लोक निर्माण, कृषि, परिवहन उद्यानिकी, पर्यटन, सिंचाई महिला एवं बाल कल्याण, पशुपालन व सिंचाई विभाग से जुड़े सवाल बड़ी संख्या में पूछे हैं। देखना है कि यह सत्र क्या गुल खिलाता है।

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