Panwari Case Verdict: सिकन्दरा के बहुचर्चित पनवारी कांड पर आया फैसला, 32 साल चली सुनवाई, विधायक चौधरी बाबूलाल हुए बरी
पनवारी कांड पर फैसला आ गया है । 32 साल चली सुनवाई के बाद मामले के मुख्य आरोपी, मौजूदा विधायक चौधरी बाबूलाल को विशेष न्यायाधीश एमपी । एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया है ।
Panwari Case Verdict: सिकन्दरा के बहुचर्चित पनवारी कांड पर फैसला आ गया है । 32 साल चली सुनवाई के बाद मामले के मुख्य आरोपी, मौजूदा विधायक चौधरी बाबूलाल (MLA Chaudhary Babulal) को विशेष न्यायाधीश एमपी । एमएलए कोर्ट (MLA Court) ने बरी कर दिया है । केस में नामजद आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने ये निर्णय सुनाया है। केस से बरी किये गए विधायक चौधरी बाबूलाल ने न्यायालय के फैसले पर आभार जताया है ।
ये है पूरी घटना
आपको बता दें कि ये घटना वर्ष 1990 की है। 21 जून 1990 को अनुसूचित जाति के चोखेलाल की बेटी मुंद्रा की बारात ग्वालियर रोड नगला से पनवारी गांव आई थी । बाराती नाच गा रहे थे। दूल्हा घोड़ी पर चढ़ने की तैयारी में था । तभी जाट बाहुल्य गांव में बारातियों से विवाद शुरू हो गया । जाट समाज के लोगों ने बारात चढ़ने पर विरोध शुरू कर दिया ।
10 दिन लगे कर्फ्यू के बाद हालात सुधरे
बवाल हुआ तो सूचना मिलने पर बारातियों की मदद करने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए । दोनों पक्षों के लोग आमने सामने आ गए । जमकर मारपीट ,पथराव ,फायरिंग की गई । बवाल में कई लोगों की मौत हो गई । पुलिस बेबस हो गई । अंत में सेना ने मोर्चा संभाला और 10 दिन लगे कर्फ्यू के बाद हालात सुधर पाए ।
दो आरोपियों की मृत्यु भी हो चुकी है
पुलिस ने मामले में आरोप पत्र दाखिल किया और तभी से मामला न्यायालय में विचाराधीन था । 12 अप्रैल 2006 को स्पेशल जज जनार्दन गोयल नव मुख्य आरोपी वीर बहादुर सिंह देवी, सिंह बाबू सिंह, रावत सिंह, के खिलाफ आरोप तय किए थे। मामले की सुनवाई के दौरान दो आरोपियों की मृत्यु भी हो चुकी है ।