ठाकरे के भूमि पूजन संबंधी सुझाव पर विहिप भड़की, शिवसेना पर बोला बड़ा हमला
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के संबंध में दिए गए सुझाव पर विश्व हिंदू परिषद ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के संबंध में दिए गए सुझाव पर विश्व हिंदू परिषद ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। ठाकरे ने सुझाव दिया था कि अयोध्या में राम मंदिर का प्रस्तावित भूमि पूजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से किया जाना चाहिए। ठाकरे के इस बयान पर विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि ठाकरे के इस बयान से पता चलता है की एक महान हिंदुत्ववादी पार्टी का अब कितना पतन हो चुका है।
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ठाकरे ने दिया था यह सुझाव
ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए गए इंटरव्यू में भूमि पूजन के लिए कार्यक्रम आयोजित करने पर सवाल उठाए थे। यह भूमि पूजन अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाला है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश की तमाम अन्य प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी।
विहिप नेता ने कहा कि किसी भी निर्माण कार्य को शुरू करने से पहले भूमि पूजन एक आवश्यक और पवित्र अनुष्ठान है। इसे किए जाने के बाद ही कोई भी निर्माण कार्य शुरू किया जाता है। इस अनुष्ठान के दौरान हम धरती मां की पूजा करने के बाद उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हुए अनुमति लेते हैं।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से नहीं हो सकता भूमि पूजन
उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण से पूर्व भूमि पूजन एक जरूरी अनुष्ठान है और इसे ऑनलाइन या वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि शिवसेना नेता को इस तरह का बेकार सुझाव नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें पता है कि इस समय देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है मगर सभी सावधानियों के साथ सामान्य गतिविधियां भी चल रही हैं।
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इसी कारण सर्वोच्च न्यायालय ने पुरी में प्रतीकात्मक रूप से जगन्नाथ रथयात्रा निकालने की अनुमति भी दी थी। हालांकि इस साल अमरनाथ यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है मगर यात्रा की रस्में जरूर निभाई गई हैं।
कोरोना के कारण विशेष सतर्कता
विहिप नेता ने कहा कि इस समय देश में कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है और इसीलिए हम आवश्यक प्रोटोकॉल बनाए रखने के प्रति सजग हैं। हमने पहले भी स्पष्ट किया है कि भूमि पूजन कार्यक्रम में 200 लोगों की ही भागीदारी होगी। हम भूमि पूजन के दौरान ज्यादा भीड़ जुटाकर कोरोना का संक्रमण नहीं फैलाना चाहते। यही कारण है कि हम सुरक्षा के साथ ही सभी के स्वास्थ्य को महत्व दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ठाकरे केवल दिखावे के लिए ही चिंता जता रहे हैं।
पवार व दिग्विजय ने भी उठाए थे सवाल
ठाकरे से पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी कोरोना महामारी के बीच मंदिर निर्माण की शुरुआत पर सवाल उठाए थे। इन दोनों नेताओं का कहना था कि इस समय देश में कोरोना का संक्रमण पीक पर पहुंच गया है और ऐसे में सार्वजनिक समारोह आयोजित करने के फैसले को जायज नहीं ठहराया जा सकता।
राम मंदिर के लिए सक्रिय रही है शिवसेना
राम मंदिर आंदोलन के समय से ही शिवसेना इसके निर्माण की वकालत करती रही है और ठाकरे ने अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर अयोध्या का दौरा भी किया था। उन्होंने राम मंदिर के निर्माण के लिए एक करोड़ रुपए देने की भी घोषणा की थी। जानकार सूत्रों का कहना है कि 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन के लिए ठाकरे को भी न्योता भेजा जा रहा है। राम मंदिर से जुड़ा होने के कारण यह कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण है और अब देखने वाली बात यह होगी कि ठाकरे इस आमंत्रण पर क्या रुख अपनाते हैं।
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