ग्रामीण स्वास्थ्य देखभाल पर नये सिरे से ध्यान देने का आह्वान-उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि ग्रामीण स्वास्थ्य देखभाल पर नये सिरे से ध्यान देने की आवश्यकता है। नायडू ने साथ ही यह भी कहा कि भारत की विशाल आबादी के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रयास करने की जरुरत है।

Update: 2019-03-25 15:21 GMT

अहमदनगर: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि ग्रामीण स्वास्थ्य देखभाल पर नये सिरे से ध्यान देने की आवश्यकता है। नायडू ने साथ ही यह भी कहा कि भारत की विशाल आबादी के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रयास करने की जरुरत है।नायडू ने आगाह किया कि मुहैया करायी जा रही स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता भुगतान की जा रही कीमत द्वारा निर्धारित नहीं की जा सकती है।

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पहली पदोन्नति से पहले तीन साल की ग्रामीण सेवा अनिवार्य होनी चाहिए

नायडू अहमदनगर जिले के लोनी में मानद विश्वविद्यालय प्रवर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के 13वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि चिकित्सकों के लिए पहली पदोन्नति से पहले तीन साल की ग्रामीण सेवा अनिवार्य होनी चाहिए।

उन्होंने 437 स्नातकों को बधाई दी जिन्हें दीक्षांत समारोह में डिग्री प्रदान की गई। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार और पदक प्राप्त करने वाले स्नातकों में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हैं।

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महिला सशक्तिकरण से बड़ा कोई उपकरण नहीं

उन्होंने कहा, ‘‘प्रभावी विकास के लिए महिला सशक्तिकरण से बड़ा कोई उपकरण नहीं है।’’उन्होंने कहा कि भारत का युवा अपना भविष्य निर्धारित करेगा।

नायडू ने कहा कि कामकाजी आयुवर्ग 15..59 वर्ष की जनसंख्या भारत की कुल जनसंख्या की 62.5 प्रतिशत है। यह अनुकूल स्थिति मानव क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है जो कि आने वाले समय में प्रगति और विकास पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

(भाषा)

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