Mewar University Violence: मेवाड़ विश्वविद्यालय में कश्मीरी और लोकल छात्रों के बीच हिंसक झड़प, दो जख्मी एक की हालत गंभीर
Mewar University Violence: राजस्थान के चित्तौड़ स्थित मेवाड़ विश्वविद्यालय में छात्रों के दो गुट आपस में भिड़ गए। जिसमें दो छात्र घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है।
Mewar University Violence: राजस्थान के चित्तौड़ स्थित मेवाड़ विश्वविद्यालय में छात्रों के दो गुट आपस में भिड़ गए। जिसमें दो छात्र घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। यूनिवर्सिटी कैंपस में ये झड़प कश्मीरी स्टूडेंट्स और स्थानीय स्टूडेंट्स के बीच हुई। दोनों गुटों के बीच जमकर पत्थरबाजी और चाकूबाजी होने की खबर है। बवाल की जानकारी मिलने के बाद कैंपस में भारी संख्या पुलिसफोर्स की तैनाती की गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक, एक लोकल छात्र की कश्मीरी छात्रों से किसी बात को लेकर बहस हो गई। जिसके बाद कश्मीरी छात्रों के गुट ने उस पर हमला कर दिया। बीच-बचाव करने आए अन्य लोकल छात्रों से भी कश्मीरी स्टूडेंट्स भिड़ गए। जिससे मामला व्यापक हो गया। घटना के बाद से विश्वविद्यालय के कैंपस में तनाव का माहौल है। वहीं, झड़प में गंभीर रूप से घायल हुए छात्र को बेहतर इलाज के लिए उदयपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कश्मीरी छात्रों पर हिंदू विरोधी नारे लगाने का आरोप
हिंसक झड़प में घायल हुए छात्र कृष्ण पाल शर्मा ने घटना की पूरी जानकारी देते हुए बताया कि कल देर शाम मैस में खाना खाने के दौरान राहुल नामक एक स्टूडेंट की कश्मीरी छात्रों से बहस हो गई। इससे नाराज कश्मीरी छात्रों ने उन पर हमला कर दिया। आरोप है कि इसके बाद कश्मीरी छात्रों ने हिंदू विरोधी नारे भी लगाए। जिससे विवाद और बढ़ गया। शर्मा के मुताबिक, कश्मीरी छात्रों ने बीच-बचाव करने आए लोकल स्टूडेंट्स पर चाकू से हमला कर दिया। जिसमें वो और एक अन्य छात्र आयुष शर्मा घायल हो गए। आयुष की हालत ज्यादा खराब होने के कारण उसे जिला अस्पताल से उदयपुर रेफर कर दिया गया।
यूनिवर्सिटी प्रशासन को लेकर छात्रों में आक्रोश
इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय छात्रों में यूनिवर्सिटी प्रशासन को लेकर भारी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी छात्रों के पास तलवार और अन्य घातक हथियार मौजूद होते हैं। शिकायत करने के बाद भी उनकी तलाशी नहीं ली जाती। इस तरह की घटना पहले भी हो चुकी है मगर यूनिवर्सिटी का रवैया उदासीन रहा है। लोकल स्टूडेंट्स का आरोप है कि मेवाड़ विश्वविद्यालय छात्रवृत्ति का लालच देकर अधिक से अधिक बाहरी छात्रों को एडमिशन देती है, जबकि स्थानीय छात्रों की उपेक्षा होती है। घटना को लेकर हिंदू संगठऩों ने भी प्रदर्शन किया है।