शिमला : हिमाचल में चुनाव प्रचार इस बार व्हाट्सऐप, फेसबुक सहित अन्य सोशल प्लेटफार्म पर तेजी से चल रहा है। सैकड़ों व्हाट्सऐप ग्रुप के साथ ही उम्मीदवारों ने फेसबुक पेज पर लाइव कर विरोधियों को धूल चटाने के लिए कमर कस ली है। लेकिन वोटर्स अभी भी शांत हैं। वोटर्स के मिजाज को भापने के बाद कोई भी नेता अपनी जीत के लिए आश्वस्त नजर नहीं आ रहा।
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इन सबके बाद भी 2012 के चुनाव के मुकाबले इसबार का चुनाव काफी शांत है। उम्मीदवार चुनाव आयोग की बंदिशों में उलझे नजर आ रहे हैं। चुनावी खर्च की जवाबदेही ने शोरगुल लगभग समाप्त ही कर दिया है। स्टार वार जबरदस्त चल रही है, चुनावी रैलियां देख ही समर्थक अपने उम्मीदवार की जीत का आकलन कर रहे हैं।
7 नवंबर को प्रचार थम जाएगा और 9 नवंबर को वोटिंग होनी है। ऐसे में अंतिम दौर में राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत लग दी है। परिणाम 18 दिसंबर को आने हैं।
बीजेपी ने हिसाब मांगे हिमाचल नाम से फेसबुक पेज बनाया। जबकि कांग्रेस ने जवाब देगा हिमाचल नाम से पेज बना वार आरंभ किया। कांग्रेस मोदी सरकार की नाकामियों को अपने पेज पर मुद्दा बना पोस्ट डाल रही है। दोनों दलों के नेताओं के भाषणों का इन्हीं पेज पर लाइव चलता है। प्रत्याशियों के फेसबुक पर स्पांसर पेज भी चल रहे हैं।
दोनों दलों के साथ निर्दल उम्मीदवारों ने भी पंचायत, गांव, वार्ड और मोहल्ला स्तर पर व्हाट्सऐप ग्रुप बना प्रचार आरंभ किया हुआ है। इन ग्रुप्स में बैठक, सभा और जनसभा की जानकारी पहुंचाई जा रही है।