West Bengal SSC Scam: अर्पिता मुख़र्जी गिरफ्तार, ED ने घर से बरामद की 75 Cr की संपत्ति
West Bengal Scam: अधिकारियों ने नोट गिनने के लिए और मंशीनें मंगायी है। ईडी इस मामले में अर्पिता मुखर्जी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
West Bengal: शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी की कार्रवाई ने पश्चिम बंगाल में सियासी खलबली मचा दी है। प्रवर्तन निदेशालय के छापे के बाद सुर्खियों में आई बंगाली फिल्म जगत की अभिनेत्री अर्पिता मुखर्जी के घर पर नोटों के गिनने का सिलसिला जारी है। शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने उनके घर से 75 करोड़ की संपत्ति बरामद की है। ईडी के अधिकारी दो दिनों से नोटों के बंडल गिनने मे लगे हुए थे। उधर, पार्थ चटर्जी को अदालत ने दो दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है। उन्हें आज सुबह ही लंबी पूछताछ के बाद अरेस्ट किया गया था।
पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (WBBPE) भर्ती घोटाले में ईडी ने उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी, शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी समेत 14 जगहों पर छापेमारी की। इसी क्रम ईडी ने पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर पर भी छापा मारा, जहां से 75 करोड़ की संपत्ति बरामद की है। माना जा रहा है कि ये वही पैसे हैं जो शिक्षक भर्ती के दौरान रिश्वत के तौर पर लिए गए थे।
इसके अलावा अर्पिता मुखर्जी के घर से 20 महंगे मोबाइल फोन, जमीनों के दस्तावेज, सोना और विदेशी मुद्रा भी बरामत दिए गए हैं। अर्पिता को पार्थ चटर्जी का कानूनी सलाहकार भी बताया जाता है। इसके अलावा वह पार्थ चटर्जी की अगुवाई वाली दुर्गा पूजा समिति नकटला उदयन से भी जुड़ी हुई हैं। यह कोलकाता की सबसे बड़ी दुर्गा पूजा समितियों में से एक है। अर्पिता मुखर्जी 2019 और 2020 में पार्थ चटर्जी के दुर्गा पूजा समारोह का चेहरा भी रह चुकी हैं।
इस समिति के दुर्गा पूजा कार्यक्रम का उद्घाटन सीएम ममता बनर्जी भी कर चुकी हैं, जिसकी तस्वीरें इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी शेयर की जा रही हैं। बीजेपी नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुवेन्दु अधिकारी द्वारा इसी कार्यक्रम से संबंधित एक तस्वीर में एक मंच पर सीएम ममता बनर्जी, मंत्री पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी नजर आ रही हैं।
सीबीआई जांच के आदेश, ईडी की एंट्री और मंत्री की गिरफ्तारी
इस मामले की शुरूआत होती है साल 2016 से, उस साल पश्चिम बंगाल के स्कूल सेवा आयोग ने शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा लिया। साल 2017 में परीक्षा का परिणाम आया। सिलीगुड़ी की बबीता सरकार का नाम टॉप – 20 में आया। फिर अचानक आयोग ने इस लिस्ट को रद्द कर दी। नई लिस्ट में 16 नंबर कम पाने वाली अंकिता अधिकारी का नाम टॉप पर आ गया। अंकिता राज्य के मौजूदा शिक्षा राज्य मंत्री परेश अधिकारी की बेटी हैं। इसके खिलाफ बबीता समेत दो कैंडिडेट्स ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
अदालत ने इसमें मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका जताते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। पूछताछ के बाद सीबीआई ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत दर्ज कराई। सीबीआई की शिकायत के बाद मामला ईडी के हाथ में चला गया। इसी साल यानी 2022 में 25 अप्रैल और 18 मई को सीबीआई ने ममता सरकार में कद्दावर मंत्री पार्थ चटर्जी से पूछताछ की, क्योंकि चटर्जी 2014 से 2021 तक राज्य के शिक्षा मंत्री थे।
22 जुलाई 2022 को ईडी ने कोलकाता में पार्थ चटर्जी और उनके करीबियों के 18 ठिकानों पर छापे मारे। उनकी करीबी अर्पिता के घर से 20 करोड़ का नगद मिला। अगले दिन यानी 23 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय ने चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया और अर्पिता को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया।
बीजेपी ममता सरकार पर हुई हमलावर
शिक्षक भर्ती घोटले में टीएमसी सरकार के सीनियर मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी ममता सरकार पर हमलावर हो गई है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि बंगाल में सरकारी पैसे की लूट मची हुई है। ममता बनर्जी मल्टी पार्टी कैंपेन करके एजेंसियों को बदनाम करने की कोशिश कर रही थी, ताकि इस पूरे खेल को छिपाया जा सके। उन्होंने कहा कि 21 करोड़ रूपये की बरामदगी सरकार की मिलीभगत पर सवाल खड़े करती है। वहीं टीएमसी द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के दुरूपयोग के आरोप पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बंगाल में चोर शोर मचा रहे हैं। ये शोर इसलिए मचाया जा रहा ताकि लोगों तक उनकी चोरी का सबूत न पहुंचे। इसले एजेंसियों को बदनाम करने की कोशिश जा रही है।
टीएमसी ने साधी चुप्पी
उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा न लेने के फैसले के कारण सहयोगी दलों के निशाने पर आई टीएमसी अब इस मामले पर बैकफुट पर नजर आ रही है। राज्य सरकार के एक दिग्गज मंत्री की गिरफ्तारी ने टीएमसी में खलबली मचा दी है। इसलिए पार्टी ने चुप्पी साधते हुए वेट एंड वॉच की रणनीति अपना ली है। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष का कहना है कि इस मामले को वकील देंखेंगे।