फांसी में वो शब्द: जो कानों में कहे जाते हैं, बहुत कम लोगों को पता है ये बात

फांसी के दौरान 4 लोगों की मौजूदगी बहुत अहम है। फांसी के दौरान फांसी कक्ष में जेल सुपरिटेंडेंट एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट जल्लाद एवं एक डॉक्टर मौजूद रहना अनिवार्य है।

Update: 2020-12-27 08:36 GMT
फांसी में वो शब्द: जो कानों में कहे जाते हैं, बहुत कम लोगों को पता है ये बात

नई दिल्ली: हमने अक्सर देखा है कि फिल्मों में फांसी देने से पहले जो जल्लाद होता है। वह उस व्यक्ति के जिस को फांसी दी जा रही है। अपराधी को काला कपड़ा पहनाने से पहले उसके कान में कुछ बोलता है। हकीकत में भारत में सबसे बड़ा अपराध करने का सजा फांसी तय की गई है। फांसी की सजा का प्रावधान किसी बड़े गुना के लिए बनाया गया है। देश में जितनी भी फांसी हुई है हर फांसी चर्चा में रही है। भारत में किसी जघन्य ने अपराध करने के बाद दोषी को फांसी फांसी की सजा सुनाई जाती है। चलिए आपको बताते हैं फांसी से जुड़े कुछ नियमों के बारे में।

फांसी देते समय भारत में होता है नियम

क्या आप जानते हैं कैदी को फांसी पर लटकाने से पहले जल्लाद अपराधी के कान में क्या कहता है। भारत में फांसी की रस्सी के साथ फांसी का समय के साथ-साथ प्रक्रिया समेत सभी बातों को पहले से ही तय कर लिया जाता है। हमारे देश की सबसे बड़ी खासियत है कि जब अपराधी को फांसी दी जाती है तो जल्लाद के कान में कुछ कहता है।

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मुस्लिम हो या हिन्दू कही जाती है ये बात

फांसी के दौरान जल्लाद अपराधी के कान में कहता है। मुझे माफ कर दो माफ हम हम क्या कर सकते हैं। हम तो हुक्म के गुलाम हैं जल्लाद अपराधी से माफी मांग कर उसके कान में राम राम या फिर सलाम बोल कर लीवर को खींच देता है। और यही अंतिम शब्द होते हैं जल्लाद के जो वह अपराधी के कानों में बोलता है।

इन चारों व्यक्तियों होना अनिवार्य हैं

फांसी के दौरान 4 लोगों की मौजूदगी बहुत अहम है। फांसी के दौरान फांसी कक्ष में जेल सुपरिटेंडेंट एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट जल्लाद एवं एक डॉक्टर मौजूद रहना अनिवार्य है। नियम के अनुसार इन चारों व्यक्तियों को वहां उपस्थित रहना अनिवार्य है।अगर इन चारों में से कोई भी एक व्यक्ति मौजूद नहीं होता है। तो फांसी को रोक दिया जाता है में फांसी देते समय मुख्य बातों का ध्यान रखते हैं।

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