Delhi New CM: दिल्ली के CM के लिए नए दावेदारों के नाम उभरे, चौंकाने वाला फैसला ले सकते हैं पीएम मोदी
Delhi New CM: नई दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बाद अब नई सरकार का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। हर किसी को इस बात का इंतजार है कि राजधानी में मुख्यमंत्री पद पर किसकी ताजपीशी होती है।;
Who will be next Delhi new CM see new contenders name (Photo: Social Media)
Delhi New CM: नई दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बाद अब नई सरकार का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से लौटने के बाद अब नई सरकार का काउंट डाउन शुरू हो गया है। हर किसी को इस बात का इंतजार है कि राजधानी में मुख्यमंत्री पद पर किसकी ताजपीशी होती है। नई दिल्ली विधानसभा सीट पर आप मुखिया अरविंद केजरीवाल को शिकस्त देने वाले प्रवेश वर्मा की चर्चा जोरों पर है मगर जानकारों का मानना है कि उनके नाम पर मुहर लगने की संभावना काफी कम है।
वैसे राजधानी में कई अन्य अनुभवी नेताओं के नाम भी चर्चा में हैं मगर माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी किसी नए नाम पर मुहर लगाकर सबको चौंका सकते हैं। यही कारण है कि अभी तक किसी भी नाम को लेकर कोई पुख्ता संभावना नहीं जताई जा रही है।
इन नामों की हो रही विशेष रूप से चर्चा
राजधानी के विधानसभा चुनाव में इस बार सबसे बड़ी जीत पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा ने हासिल की है। उन्होंने नई दिल्ली सीट पर आम आदमी पार्टी का सबसे बड़े चेहरे अरविंद केजरीवाल को हराया है। इस चुनावी जीत को हासिल करने के बाद वे सबसे पहले गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे। इसके बाद से ही उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलें लगाई जाती रही हैं। शुरुआती दौर में उन्हें रेस में सबसे आगे माना जा रहा था मगर अब वैसी स्थिति नहीं दिख रही है।
प्रवेश वर्मा के साथ ही विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय, आशीष सूद और पवन शर्मा के नाम की चर्चाएं भी खूब सुनी जा रही हैं। सभी नेताओं की अपनी-अपनी खूबियां हैं और इस कारण इन्हें मुख्यमंत्री पद का सबसे मजबूत दावेदार बताया जा रहा है।
सीएम पद के तीन दावेदार प्रमुखता से उभरे
वैसे भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इन सभी दावेदारों के अलावा मुख्यमंत्री पद के लिए अब तीन नाम काफी प्रमुखता से उभरे हैं। सूत्रों का कहना है कि जिन तीन प्रमुख नामों पर अब गंभीरता से विचार किया जा रहा है,उनमें मनजिंदर सिंह सिरसा, रेखा गुप्ता और जितेंद्र महाजन शामिल हैं। जानकारों का कहना है कि भाजपा नेतृत्व उनके नाम पर मंथन कर रहा है और इनमें से किसी एक के नाम को हरी झंडी दिखाई जा सकती है।
वैसे इससे पहले भाजपा नेतृत्व ने मध्य प्रदेश में मोहन यादव, राजस्थान में भजनलाल शर्मा और ओडिशा में मोहन चरण माझी को मुख्यमंत्री बनाकर सियासी हल्कों में सबको चौंका दिया था। उल्लेखनीय बात यह है कि इनमें से किसी को भी मुख्यमंत्री पद का मजबूत दावेदार नहीं माना जा रहा था। इसके बावजूद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उनके नाम पर मुहर लगा दी थी। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में भी ऐसा ही चौंकाने वाला फैसला लिया जा सकता है।
पार्टी के आधिकारिक ऐलान का इंतजार
भाजपा सूत्रों का कहना है कि 19 या 20 फरवरी को नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जा सकता है। भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाने से पहले पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाएगी और उसके बाद भाजपा विधायक दल की बैठक में नए नेता के नाम पर मुहर लगाई जाएगी। शपथ ग्रहण समारोह को भी काफी भव्य बनाने की तैयारी है क्योंकि राजधानी दिल्ली में भाजपा 27 साल का वनवास खत्म करने में कामयाब हुई है।
भाजपा ने इस बार दिल्ली की 70 में से 48 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करते हुए आप को बैक फुट पर धकेल दिया है। 2020 में 62 सीटों पर जीत हासिल करने वाली आप इस बार सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई है जबकि कांग्रेस का लगातार तीसरी बार खाता नहीं खुल सका है। भाजपा की जीत के बाद ही मुख्यमंत्री पद और नई सरकार को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। वैसे भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के फैसले के बारे में कोई पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कह पा रहा है और इसलिए पार्टी के आधिकारिक ऐलान का इंतजार किया जा रहा है।
आज हो सकती है पर्यवेक्षकों की घोषणा
भाजपा नेताओं का कहना है कि नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए आज पर्यवेक्षकों की घोषणा की जा सकती है। इन पर्यवेक्षकों को दिल्ली के सभी 48 विधायकों से चर्चा की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इस दौरान किसी एक नेता के नाम पर सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा। भाजपा नेतृत्व इस बात की कोशिश में जुटा हुआ है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर किसी भी प्रकार का कोई विवाद न पैदा होने पाए।
दिल्ली में किसी भी नेता को डिप्टी सीएम पद की जिम्मेदारी नहीं सौंपी जाएगी। मंत्रिमंडल के गठन में हर वर्ग को मौका देने की तैयारी है। महिला, अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक वर्ग के साथ ही विभिन्न जातियों का समीकरण साधने का भी प्रयास किया जाएगा।