Look Back 2020:ये है दुनिया की सबसे लंबी सुरंग, मिनटों में पूरी कर लेंगे मीलों की दूरी

टनल के अंदर कोई भी वाहन अधिकतम 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकेगा। इसे बनाने की शुरूआत 28 जून 2010 को हुई थी। इसे बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने बनाया है। यह सुरंग घोड़े के नाल के आकार में बनाई गई है।

Update: 2020-12-22 14:53 GMT
इस सुरंग के दोनों द्वारों पर बैरियर लगे हैं। आपात स्थिति में बातचीत के लिए हर 150 मीटर पर टेलीफोन और हर 60 मीटर पर अग्निशमन यंत्र लगे हैं।

लखनऊ: दुनिया की सबसे लंबी हाईवे सुरंग अटल टनल इसी साल 2020 बनकर तैयार हुई है इस सुरंग का उद्घाटन भी इसी साल हुआ है। इस अटल सुरंग के खुल जाने से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई। अटल सुरंग दुनिया में सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है और 9.02 लंबी सुरंग मनाली को सालों भर लाहौल स्पीति घाटी से जोड़े रखेगी। पहले घाटी छह महीने तक भारी बर्फबारी के कारण शेष हिस्से से कट जाती थी। सुरंग को हिमालय के पीर पंजाल की पर्वत श्रृंखलाओं के बीच अत्याधुनिक विशिष्टताओं के साथ समुद्र तल से करीब तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है।

घोड़े की नाल के आकार

 

10 हजार फीट पर स्थित दुनिया की सबसे लंबी रोड टनल को बनाने में 10 साल लग गए। लेकिन अब इससे लद्दाख सालभर पूरी तरह से जुड़ा रहेगा। इसका नाम है अटल रोहतांग टनल। इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है।

*यह टनल घोड़े की नाल के आकार की है। यह 8 मीटर सड़क मार्ग के साथ सिंगल ट्यूब और डबल लेन वाली टनल है। इसकी ओवरहेड निकासी 5.525 मीटर है। यह 10.5 मीटर चौड़ी है।

*इसमें 3.6x 2.25 मीटर फायर प्रूफ आपातकालीन निकास टनल भी है, जिसे मुख्य टनल में ही बनाया गया है।

*अटल टनल को अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ प्रतिदिन 3000 कारों और 1500 ट्रकों के यातायात घनत्‍व के लिए डिजाइन किया गया है।

*यह टनल सेमी ट्रांसवर्स वेंटिलेशन सिस्टम, एससीएडीए नियंत्रित अग्निशमन, रोशनी और निगरानी प्रणाली सहित अति-आधुनिक इलेक्‍ट्रो-मैकेनिकल प्रणाली से लैस है।

 

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खासियतें

दोनों पोर्टल पर टनल प्रवेश बैरियर, आपातकालीन कम्युनिकेशन के लिए प्रत्येक 150 मीटर दूरी पर टेलीफोन कनेक्शन, प्रत्येक 60 मीटर दूरी पर फायर हाइड्रेंट सिस्टम, प्रत्येक 250 मीटर दूरी पर सीसीटीवी कैमरों से युक्‍त स्‍वत: किसी घटना का पता लगाने वाला सिस्टम, प्रत्येक किलोमीटर दूरी पर एयर क्वालिटी गुणवत्ता निगरानी, प्रत्येक 25 मीटर पर निकासी प्रकाश/निकासी इंडिकेटर, पूरी टनल में प्रसारण प्रणाली, प्रत्‍येक 50 मीटर दूरी पर फायर रेटिड डैम्पर्स, प्रत्येक 60 मीटर दूरी पर कैमरे।

 

फौजियों के लिए आसान होगी जिंदगी

यह दुनिया की सबसे ऊंची और सबसे लंबी रोड टनल है। यह करीब 8.8 किलोमीटर लंबी है। 10 मीटर चौ़ड़ी है। मनाली-लेह रोड पर चार और टनल प्रस्तावित हैं। इस टनल के खुल जाने से हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पिति में भी यातायात को आसान हो जाएगी। इसके बनने से सबसे ज्यादा फायदा लद्दाख में तैनात भारतीय फौजियों को होगा। क्योंकि इसके चलते सर्दियों में भी हथियार और रसद की आपूर्ति आसानी से हो सकेगी।

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3000 कारें या 1500 ट्रक एकसाथ

इस टनल की डिजाइन बनाने में डीआरडीओ (DRDO )ने भी मदद की है ताकि बर्फ और हिमस्खलन से इस पर कोई असर न पड़े। टनल के अंदर कोई भी वाहन अधिकतम 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकेगा। इसे बनाने की शुरूआत 28 जून 2010 को हुई थी। इसे बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने बनाया है। यह सुरंग घोड़े के नाल के आकार में बनाई गई है। टनल को इस तरीके से बनाया है कि इसके अंदर एक बार में 3000 कारें या 1500 ट्रक एकसाथ निकल सकते हैं। इसे बनाने में करीब 4 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। टनल के अंदर अत्याधुनिक ऑस्ट्रेलियन टनलिंग मेथड का उपयोग किया गया है। वेंटिलेशन सिस्टम भी ऑस्ट्रेलियाई तकनीक पर है।

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