World Women's Day 2023: पिता की राजनीतिक विरासत को बखूबी संभाल रहीं हैं ये बेटियां
Indian Famous Women Politician: कोई मंत्री, कोई सांसद तो कोई संभाल रहा है पार्टी।
World Women's Day 2023: आठ मार्च को विश्व महिला दिवस है। आज महिलाएं पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। वह पुरुषों से कंधा-कंधा मिला कर चल रही हैं। यहां पर हम कुछ ऐसी बेटियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने पिता की राजनीतिक विरासत को बखूबी संभाल रही हैं। इसमें से कोई विधायक, कोई सांसद तो कोई मंत्री है। तो चलिए जानते हैं उनके बारे में-
अनुप्रिया पटेल
अनुप्रिया पटेल भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं। अनुप्रिया एक राजनीतिक परिवार से आती हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में 28 अप्रैल 1981 को हुआ था। अनुप्रिया सोने लाल पटेल की बेटी हैं। सोने लाल पटेल अपना दल राजनीतिक पार्टी के संस्थापक थे। अनुप्रिया ने मनोविज्ञान में परास्नातक किया है और एमबीए की डिग्री ली है। राजनीतिक परिवार से होने के बाद भी अनुप्रिया राजनीति में नहीं आना चाहती थीं, लेकिन उनके पिता की अचानक मौत के बाद अनुप्रिया ने राजनीति में कदम रखा और पिता की पार्टी संभाली। जब 28 साल की अनुप्रिया ने राजनीति में कदम रखा तो उन्हें पिता की पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। उन दिनों अनुप्रिया की मां कृष्णा पटेल पार्टी की कमान संभाल रही थीं। लेकिन आगे चलकर परिवार में तनाव हो गया और पार्टी दो भागों में बंट गई। अनुप्रिया ने अपना दल (एस) बना लिया। 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में अनुप्रिया ने वाराणसी के रोहनिया विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। 2014 में उनकी पार्टी ने भाजपा से गठबंधन कर लिया और वह मिर्जापुर से सांसद बनीं। 2019 में भी वह मिर्जापुर से सांसद चुनी गईं। अनुप्रिया मोदी कैबीनेट में मंत्री हैं। वह अपने पिता के राजनीतिक विरासत को बखूबी संभाते हुए हैं।
अदिति सिंह
अदिति सिंह उत्तर प्रदेश विधानसभा में रायबरेली की सदर सीट से भाजपा की विधायक हैं। वह 17वीं विधानसभा में पहली बार विधायक चुनी गईं। अदिति के पिता अखिलेश सिंह यूपी की राजनीति में एक जाना-माना चेहरा थे। वह खुद पांच बार विधायक रह चुके थे। अदिति भी अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रही हैं। 15 नवंबर 1987 के दिन अदिति का जन्म उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। अखिलेश सिंह रायबरेली सदर सीट से पांच बार विधायक रह चुके थे। 20 अगस्त 2019 को कैंसर के कारण अदिति के पिता का निधन हो गया था।
प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी किसी परिचय की मोहताज नहीं है। इन्हें राजनीति विरासत में मिली है। प्रियंका गाँधी ने जनवरी 2019 में राजनीति में सक्रिय रूप से कदम रखा। प्रियंका गांधी भी अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभाला है। इनके भाई राहुल गांधी सांसद हैं और इनकी मां सोनिया गांधी वर्तमान में रायबरेली से सांसद है। 2004 में वह उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अपनी मां के अभियान की प्रबंधक थीं। 23 जनवरी 2019 को उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया गया। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर प्रचार किया।
पल्लवी पटेल
वर्ष 2008 से राजनीति में सक्रीय रूप से कदम रखने वाली पल्लवी पटेल भी अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रही हैं। पल्लवी पटेल अनुप्रिया पटेल की बहन हैं। पल्लवी अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने से पहले एक साइंस स्टूडेंट थीं। उन्होंने बायो-टेक्नॉलजी में पीजी किया है। वह अनुप्रिया पटेल से एक साल बड़ी हैं। पल्लवी वर्तमान समय में अपना दल पार्टी (कमेरावादी) की कार्यवाहक हैं। अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की 17 अक्टूबर 2009 को एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। पिता के निधन के बाद 2009 में पल्लवी ने राजनीति में पूरी तरह से कदम रखा। 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें अपना दाल (कामेरावादी) पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। पल्लवी के पति पंकज सिंह भी पार्टी में सक्रिय हैं। 2022 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बाद अपना दाल (कमेरावादी) की अध्यक्ष पल्लवी पटेल ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ अपना दाल (कमेरावादी) के सिंबल पर उत्तर प्रदेश के सिराथू विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और भाजपा के दिग्गज नेता केशव प्रसाद मौर्य को सात हार मतों से हराकर अपनी जीत दर्ज की।
सुप्रिया सुले
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले बारामती से 2014 में लोकसभा का चुनाव जीती थीं। वह अपने पिता की राजनीति में उनका हाथ बटा रही हैं। सूक्ष्म जीव विज्ञान में डिग्री के साथ, सुप्रिया राजनीतिक मैदान में उतरने से पहले वैज्ञानिक ब्लॉक में कार्यरत रही हैं। उन्होंने कैलिफोर्निया में कुछ समय बिताया, जहां उन्होंने यूसी बर्कले में जल प्रदूषण का अध्ययन किया। 2014 सुले ने 16 वीं लोकसभा चुनाव में आरएसपी के महादेव जगन्नाथ जानकर को 69,719 मतों के अंतर से हराकर दूसरे कार्यकाल के लिए अपनी सीट बरकरार रखी। 2009 वे महाराष्ट्र के बारामती से 15 वीं लोकसभा में चुनी गई, जहां उन्होंने भाजपा की कांता जयसिंग नालावाडे को 3,36,831 मतों के अंतर से हराया। 2006 सुले को राज्यसभा के सदस्य के रूप में चुना गया।
पंकजा मुंडे
पंकजा मुंडे-पाल्वे भारतीय राजनीति का युवा चेहरा हैं। वह भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी हैं। वह स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं। 3 जून 2014 को नई दिल्ली में दुर्घटना के दौरान गोपीनाथ की मौत हो गयी थी। उनका जन्म 26 जुलाई, 1979 को महाराष्ट्र के परली में हुआ था। उन्होंने स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी की और एमबीए की डिग्री भी ले रखी है। पंकजा मुंडे का विवाह डॉक्टर से उद्योगपति बने अमित पालवे से हुआ है। 2012 में पंकजा ने बीजेपी के युवा विंग, भारतीय जनता युवा मोर्चा के राज्य अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 2009 वह परली निर्वाचन क्षेत्र से महाराष्ट्र विधान सभा के लिए चुनी गई थी। 2014 पंकजा मुंडे ने 31 अक्टूबर को महाराष्ट्र कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। उन्हें ग्रामीण विकास मंत्री, महिला एवं बाल कल्याण और जल संरक्षण मंत्री बनाया गया।
ये बेटियां अपने पिता की राजनीतिक विरासत को बखूबी निभा रही हैं।