Karnataka: 18 साल तक सिर में धंसी रही गोली, बंगलुरु के डॉक्टरों ने किया सफ़ल ऑपरेशन

Karnataka: गोली लगने के कारण वह यमनी व्यक्ति बहरा हो गया था और बार-बार सिरदर्द और कान बहने की समस्या से पीड़ित था।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2023-12-13 13:31 IST

Yemen man successful operation   (photo: social media )

Karnataka: चमत्कार कभी भी, कहीं भी हो सकते हैं। यमन के एक शख्स पर ये बात पूरी तरह लागू होती है जिसके सिर में 18 साल से फंसी बुलेट को सफलतापूर्वक निकाल लिया गया। और ये चमत्कारिक सर्जरी की बंगलुरु के डॉक्टरों ने।

क्या है मामला

हुआ ये कि लगभग बीस साल पहले यमन में एक गोलीबारी के बीच एक लड़का फंस गया था और उसके सिर में गोली लग गई थी। उसका प्रारंभिक इलाज हुआ लेकिन धंसी हुई गोली वहीं रह गई। अगले बीस साल तक वह बुलेट सिर में ही घुसी रही। ये गोली कान के रास्ते भीतर जा कर सिर की हड्डी में फंस गई थी। किस्मत की बात है कि वह ब्रेन तक नहीं पहुंची।

सिरदर्द, बहरापन

गोली लगने के कारण वह यमनी व्यक्ति बहरा हो गया था और बार-बार सिरदर्द और कान बहने की समस्या से पीड़ित था। लगभग 3 सेंटीमीटर लंबी गोली उसके बाएं कान को पार कर गई थी और हड्डी में फंस गई थी, जिससे मवाद जमा होने के कारण कान में संक्रमण हो गया था।

भारत में इलाज

कहीं से पता करके वह व्यक्ति भारत आया और बंगलुरु के एक निजी अस्पताल में भर्ती हुआ। उस व्यक्ति का बंगलुरु के एस्टर अस्पताल में इलाज किया गया। डॉक्टरों ने कहा कि "महत्वपूर्ण संरचनाओं" के इतने करीब फंसी धातु को हटाने के लिए यह एक कठिन सर्जरी थी। डॉक्टरों ने बताया कि उस व्यक्ति को अत्यधिक रक्तस्राव का खतरा था। बताया गया है कि डॉक्टरों ने गोली की सही स्थिति का पता लगाने के लिए एक्स-रे किया और आसपास के ऊतकों से गोली को अलग करने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा कि उस व्यक्ति को कोई जटिलता या रक्तस्राव नहीं हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्जरी के कारण व्यक्ति की सुनने की क्षमता आंशिक रूप से बहाल हो गई।

डॉक्टरों ने बताया कि रक्त वाहिकाओं और गोली के सटीक स्थान का पता लगाने के लिए, सर्जिकल टीम ने एमआरआई के बजाय सीटी एंजियोग्राफी का विकल्प चुना। उन्होंने एक बुनियादी द्वि-आयामी एक्स-रे का उपयोग किया, जिससे गोली का सटीक स्थान पता चला। अब वह शख्स वापस यमन लौट चुका है।

पहले भी हुए हैं ऐसे केस

सिर में गोली लगने और भीतर फंसे रहने के कई केस पहले भी हो चुके हैं। एक मामला तो ऐसा भी हुआ जब 48 साल तक एक व्यक्ति की खोपड़ी में गोली धंसी रही। दरअसल ये किस्मत की बात है क्योंकि गोली से लेड पॉइज़निंग का खतरा रहता है, कोई संक्रमण हो सकता है या अगर ब्रेन तक गोली पहुंच गई तो जानलेवा हो सकती है।

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