जानिए कौन हैं नोएडा के नए DM सुहास, PM के पसंदीदा अधिकारियों में हैं शुमार

कोरोना वायरस से जूझ रहे नोएडा को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आईएएस अधिकारी सुहास एल वाई को जिले की कमान सौंपी है। सुहास दिव्यांग हैं और दमदार प्रोफाइल और सटीक काम के लिए चर्चित हैं।

Update: 2020-03-30 17:48 GMT

लखनऊ: कोरोना वायरस से जूझ रहे नोएडा को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आईएएस अधिकारी सुहास एल वाई को जिले की कमान सौंपी है। सुहास दिव्यांग हैं और दमदार प्रोफाइल और सटीक काम के लिए चर्चित हैं। गौतमबुद्ध नगर जिले के नए जिलाधिकारी बनाए गए सुहास लालिनाकेरे यथिराज एशियन पैरालंपिक बैडमिंटन में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। इससे पहले वह आजमगढ़, जौनपुर और प्रयागराज जैसे जिलों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। बता दें कि नोएडा के डीएम बीएन सिंह ने खुद चिट्ठी लिखकर पद से हटाने की मांग की थी।

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर नोएडा में मीटिंग करने पहुंचे सीएम योगी ने बीएन सिंह को काम में लापरवाही पर जमकर फटकार लगाई। सीएम योगी से डांट खाने के बाद बीएन सिंह ने चिट्ठी लिखकर कहा है कि वह गौतमबुद्ध नगर जिले के डीएम नहीं रहना चाहते हैं। इसके बाद उन्हें हटा दिया गया और सुहास एल वाई को यह जिम्मेदारी दे दी गई।

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दिव्यांग सुहास एल वाई कर्नाटक के शिमोगा के मूल निवासी हैं। उन्होंने काफी दिनों तक क्रिकेट खेला और इसके बाद वह बैडमिंटन से जुड़े गए। 2007 में आईएएस अधिकारी बने सुहास एल वाई ने आईएएस एकेडमी से ही बैडिंटन खेलना शुरू किया और धीरे-धीरे वह इसमें काफी आगे निकल गए। वह आईएएस बनाम आईपीएस बैडमिंटन प्रतियोगिता भी जीत चुके हैं।

प्रशासनिक जिम्मेदारी संभालने के साथ ही सुहास एल वाई अपने खेल को भी पर्याप्त समय देते हैं। इसी साल जापान के तोक्यों में होने वाले ओलिंपिक गेम्स के लिए भी उनकी तैयारी चल रही थी। लेकिन अब कोरोना की वजह से ओलंपिक गेम अगले साल के लिए टल गया है, उससे पहले सुहास को भी कोरोना से खिलाफ जंग लड़नी है

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प्रयागराज कुंभ में दिखा था काम

साल 2019 में प्रयागराज कुंभ के दौरान सुहास एल वाई जिले के डीएम थे। इस दौरान क्राउड मैनेजमेंट से लेकर शहर की साफ-सफाई और साज-सज्जा हर काम को सुहास ने बेहतरीन तरीके से निभाया। अपने काम के दम पर ही सुहास एल वाई यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंदीदा अधिकारियों में शुमार हैं। यही वजहण है कि मुश्किल हालात में इन्हें नोएडा की जिम्मेदारी दी गई है।

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जानिए प्रशासनिक अनुभव के बारे में

मसूरी में ट्रेनिंग के बाद आगरा में असिस्टेंट मैजिस्ट्रेट की कुर्सी संभालने वाले सुहास एल वाई यूपी सरकार के योजना विभाग में विशेष सचिव थे। इसके पहले वह आजमगढ़ में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, मथुरा में मुख्य विकास अधिकारी, महाराजा गंज, हाथरस और सोनभद्र में डीएम रहे। फिर जौनपुर और आजमगढ़ की जिम्मेदारी भी संभाली। पांच महीने के लिए प्रदेश सरकार के एक्साइज डिपार्टमेंट में विशेष सचिव का कार्यभार संभाला। साल 2017 के अक्टूबर में प्रयागराज के डीएम बने। यहां 20 फरवरी 2019 तक पद संभाला।

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कुछ रिपोर्ट के मुताबिक नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद से यहां के पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच तालमेल नहीं बैठ रहा है। पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी जिम्मेदारियों को एक-दूसरे पर डाल रहे हैं। सोमवार को भी मुख्यमंत्री के सामने पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच का मतभेद दिखा, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने सख्त रुख अख्तियार किया और जमकर फटकार लगाई।

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