अधिकतर मल्टी नेशनल और प्रोग्रेसिव कंपनियों में सभी एम्प्लॉइज खुद अपने कॅरियर की राह तैयार करते हैं। इसके लिए वे पूरी तैयारी भी करते हैं। वहां एक निश्चित समय के बाद खुद एम्प्लॉई को ही अपने सीनियर से प्रमोशन के बारे में चर्चा करना पड़ता है। अगर आप खुद ही चर्चा नहीं करेंगे तो आप पिछड़ जायेंगे। जानते हैं कि आप इस तरह की बातचीत को किस तरह से आगे बढ़ा सकते हैं :
अपनी बातें शेयर करें : जब भी आपको लगता है कई अब प्रमोशन मिलनी चाहिए तो आपको कंपनी में अपने सीनियर्स के साथ अपने काम, योगदान और उपलब्धियों के बारे में विचार-विमर्श करना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि आपकी परफॉर्मेंस को आप खुद अलग नजरिये से देखें और अन्य लोग अलग नजरिये से। आपकी परफॉर्मेंस पर सबकी राय एक जैसी होनी चाहिए। इसके लिए आप अपनी बात सीनियर से शेयर कर फीडबैक लेना चाहिए।
सीनियर्स की बातों पर ध्यान दें : कई बार आपको लगता है कि आप जो कर रहें है वो सही है ऐसे में एम्प्लॉइज सीनियर की सुनना भूल जाते हैं। आपको पूरे ध्यान से सीनियर्स की बात सुननी चाहिए। बातचीत के दौरान यह समझने की कोशिश करनी चाहिए कि कम्पनी का बिजनेस ने किस तरह से आपकी परफॉर्मेंस को प्रभावित किया है और आप किस तरह से चीजों में सुधार ला सकते हैं। ये तभी सम्भव है जब आप उनकी बातों को ध्यान से सुनेंगे।
समय पर करें प्रमोशन की बात : जब आपको लगता है प्रमोशन की बात होनी चाहिए तो जरूर करें। प्रमोशन की बात को कभी भी अधर में न छोड़ें। अगर समय से प्रमोशन नहीं मिलता है तो आपको एक निश्चित समय के बाद दोबारा बातचीत की प्रगति के बारे में जानकारी लेनी चाहिए। आपको अपने सीनियर से टाइमलाइन पता करनी चाहिए कि आप संभावित प्रमोशन के बारे में फिर कब चर्चा कर सकते हैं।
रिजल्ट पर ध्यान दें : आपको कॅरियर ग्रोथ के बारे में नियमित रूप से विचार-विमर्श होना चाहिए। ऐसा नहीं कि प्रमोशन के बारे में चर्चा सिर्फ अप्रेजल के समय ही करें। यह ठीक नहीं होता है। आपको अपने रोल पर ज्यादा फोकस करना चाहिए। आपको हमेशा परिणाम आधारित बातचीत करनी चाहिए। परिणाम पर फोकस करने से ही आपको अपने कॅरियर में काफी फायदा हो सकता है। बीच-बीच में बातचीत जारी रखना चाहिए।
केवल पुरस्कार पर फोकस न करें : जब भी आप प्रमोशान की बात करते हैं आपको ध्यान रखना चाहिए कि पुरस्कार और कॅरियर ग्रोथ के बारे में विचार-विमर्श अलग-अलग बातें हैं। कई बार ये देखने को मिलता है ज्यादातर एम्प्लॉइज इन दोनों बातों को जोड़ देते हैं। जब भी कोई कर्मचारी ऐसा करता है तो उसकी ग्रोथ की वैल्यू कम हो जाती है। आपको अपनी कॅरियर ग्रोथ को कभी कंपनी में मिलने वाले किसी पुरस्कार के साथ जोडक़र नहीं देखना चाहिए। कॅरियर ग्रोथ को समग्रता से देखना चाहिए। और इसके लिए कम्पनी का ग्रोथ भी देखना चाहिए। जब तक कंपनी का ग्रोथ नहीं होगा तब तक आपका भी ग्रोथ नही हो सकता है।