NEET और UGC NET में धांधली से बढ़ा युवाओं का गुस्सा, लाखों परिवार प्रभावित, BJP और मोदी सरकार को लग सकता है बड़ा झटका
Exam Rigging: इन दोनों परीक्षाओं में धांधली की शिकायतों को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
Exam Rigging: नीट और यूजीसी नेट परीक्षा में धांधली की शिकायतों को लेकर देशभर के युवाओं का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। यूजीसी नेट परीक्षा में धांधली उजागर होने के बाद शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को बड़ा कदम उठाते हुए परीक्षा रद्द कर दी है। अब यह परीक्षा नए सिरे से कराई जाएगी और परीक्षा की नई तिथि की घोषणा जल्द ही किए जाने की संभावना है।
दूसरी ओर नीट परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर देश की शीर्ष अदालत में जंग लड़ी जा रही है। इन दोनों परीक्षाओं से करीब 35 लाख बच्चे और उनका परिवार प्रभावित हुआ है। इन दोनों परीक्षाओं में धांधली की शिकायतों को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जानकारों का मानना है कि देश की इन बड़ी परीक्षाओं में पेपर लीक और अनियमितताओं के चलते मोदी सरकार से नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। हाल में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को कई राज्यों में करारा झटका लगा था और अब कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
नीट में धांधली के रोज हो रहे नए खुलासे
मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन के लिए होने वाली नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) परीक्षा को लेकर देश भर में इन दिनों घमासान मचा हुआ है। नीट को लेकर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में तक कई याचिकाएं दायर की गईं हैं। नीट परीक्षा का पेपर लीक होने और धांधली को लेकर रोज़ नए खुलासे हो रहे हैं। अब पटना के एक परीक्षार्थी ने खुलासा किया है कि उसे रात में ही नीट का पूरा पेपर मिल गया था और दूसरे दिन परीक्षा में हूबहू वही सवाल पूछे गए थे। बिहार में पेपर लीक को लेकर कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हालांकि अभी तक परीक्षा कराने वाली एजेंसी एनटीए अपना बचाव करने में जुटी हुई है। एनटीए ने युवाओं की ओर से उठाए गए तमाम सवालों को खारिज कर दिया है जबकि सच्चाई यह है कि रोज हो रहे नए खुलासों से यह पूरी परीक्षा संदेह के घेरे में आ गई है। हालांकि अभी तक परीक्षा को रद्द करने का कोई कदम नहीं उठाया गया है।
24 लाख से अधिक ने कराया था रजिस्ट्रेशन
नीट परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन 9 फरवरी से 10 अप्रैल 2024 तक हुआ था। इस दौरान कुल 24 लाख 6 हजार 79 उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। नीट की परीक्षा गत 5 मई को हुई थी और इस परीक्षा में कुल 23 लाख 33 हजार 297 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। जब 4 जून को नतीजे आए, तो इस परीक्षा में कुल 13 लाख 16 हजार 268 अभ्यर्थियों को पास घोषित किया गया था।
परीक्षा परिणाम की घोषणा के साथ ही देशभर में हंगामा और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। नीट की परीक्षा में पहली बार 67 स्टूडेंट्स को टॉपर घोषित कर दिया गया। टॉपर्स में से 6 स्टूडेंट्स ऐसे थे जिन्होंने एक ही केंद्र पर परीक्षा दी थी। ग्रेस मार्क्स को लेकर भी खूब हंगामा हुआ।
धांधली के कारण यूजीसी नेट परीक्षा रद्द
अब यदि बात यूजीसी नेट परीक्षा की जाए तो इस परीक्षा का आयोजन 18 जून को हुआ था और एक दिन बाद ही इस परीक्षा को रद्द घोषित कर दिया गया है। यूजीसी नेट परीक्षा देशभर के 317 शहरों में 1205 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इसमें 11 लाख से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया था। यूजीसी-नेट परीक्षा के जरिये विश्वविद्यालय व कालेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की पात्रता निर्धारित होती है।
शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी नेट को रद्द करने का फैसला गृह मंत्रालय से मिले उस इनपुट के आधार पर लिया है जिसमें पेपर लीक होने समेत बड़े स्तर पर गड़बड़ी की सूचना मिली थी। गृह मंत्रालय को परीक्षा में गड़बड़ी की यह सूचना साइबर क्राइम यूनिट से मिली थी।
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतें यूजीसी को भी मिली थीं। इस प्रकरण में खास बात यह है कि यूजीसी नेट का जिम्मा भी नीट यूजी आयोजित कराने वाली एनटीए के पास ही था।
मोदी सरकार के लिए भारी पड़ेगा लोगों का गुस्सा
यदि नीट और यूजीसी नेट दोनों परीक्षाओं को मिलाकर देखा जाए तो इन दोनों में करीब 35 लाख स्टूडेंट्स और उनका परिवार प्रभावित हुआ है। यदि एक परिवार में चार सदस्य भी माने जाएं तो सीधे तौर पर करीब 1.40 करोड़ लोग इन परीक्षाओं की धांधली से प्रभावित हुए हैं। ऐसे में इतनी भारी संख्या में लोगों की नाराजगी मोदी सरकार के लिए भारी पड़ सकती है। इस बार के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के खिलाफ युवाओं की नाराजगी सामने आई थी।
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्यों में भाजपा को करारा झटका लगा था और यही कारण था कि भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर सकी। अब कई राज्यों में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इन राज्यों में भी युवाओं की नाराजगी मोदी सरकार के लिए भारी पड़ सकती है।
विपक्ष ने मोदी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत कई अन्य राजनीतिक दलों ने भी पेपर लीक और परीक्षाओं में धांधली के मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तो यहां तक आरोप लगाया है कि भाजपा शासित राज्य पेपर लीक के सबसे बड़े एपिसेंटर बन गए हैं। उन्होंने कहा कि नीट में 24 लाख से अधिक छात्रों के भविष्य के साथ हुए खिलवाड़ पर भी पीएम नरेंद्र मोदी हमेशा की तरह मौन धारण किए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार, गुजरात और हरियाणा में हुई गिरफ्तारियों से साफ है कि परीक्षा में योजनाबद्ध तरीके से संगठित भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने संसद में इस मुद्दे को उठाने का भी ऐलान किया है।
यूजीसी नेट परीक्षा रद्द किए जाने के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कोर्ट की निगरानी में कड़ी जांच कराने और दोषियों को कठोरतम सजा दिलाए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भाजपा के राज्य में पेपर माफिया एक के बाद एक हर परीक्षा में धांधली करता जा रहा है। ये देश के खिलाफ किसी की बड़ी साजिश भी हो सकती है।