Elvish Yadav Case: जानिए एल्विश यादव के खिलाफ किन धाराओं में दर्ज हुआ है मुकदमा, कितनी हो सकती है सजा?
Elvish Yadav Case: नोएडा सेक्टर 49 पुलिस स्टेशन में एल्विश यादव समेत छह आरोपियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस को पूछताछ में इन्होंने बताया कि वे इन सांपों का व स्नैक वेनम का इस्तेमाल रेव पार्टी के लिए करते हैं।
Elvish Yadav Case: हरियाणा के चर्चित सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर एल्विश यादव इन दिनों एक बड़े विवाद में फंस गए हैं। उनपर जेल जाने तक की तलवार लटक रही है। बिग बॉस विजेता के रूप में काफी प्रसिद्धि अर्जित करने वाले यादव और कुछ अन्य लोगों पर यूपी के नोएडा में आयोजित होने वाली रेव पार्टियों में कथित तौर पर सांप का जहर और लड़कियां सप्लाई करने का गंभीर आरोप है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 20 मिलीमीटर जहर और 9 जिंदा सांप बरामद किए गए थे।
नोएडा सेक्टर 49 पुलिस स्टेशन में एल्विश यादव समेत छह आरोपियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर बीजेपी सांसद मेनका गांधी की संस्था पीपल फॉर एनिमल में एनिमल वेलफेयर में ऑफिसर के पद पर कार्यरत गौरव गुप्ता ने दर्ज कराई है। इनमें एल्विश के अलावा राहुल (32), टीटूनाथ (45), जयकरन (50), नारायण (50) और रविनाथ (45 ) शामिल हैं। पुलिस को पूछताछ में इन्होंने बताया कि वे इन सांपों का व स्नैक वेनम का इस्तेमाल रेव पार्टी के लिए करते हैं।
Elvish Yadav Rave Party Case: क्या होती है रेव पार्टी, जिसमें फंसे एल्विश यादव
किन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा ?
एल्विश यादव समेत सभी आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 9,39,48ए, 49,50,51 और भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 120बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। बेटे पर लगे आरोपों पर एल्विश यादव के पिता ने कहा, जिसने आरोप लगाया है वही बता सकता है हमारी तरफ से ऐसा कुछ नहीं है। ये मैं सोच ही नहीं सकता। हमारे पास इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। एल्विश अभी मुंबई में है और उसने कहा कि उसके खिलाफ कोई साजिश रच रहा है।
कितनी हो सकती है सजा ?
एल्विश समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ लगे आईपीसी की धारा 120बी के तहत छह माह की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकता है। वहीं, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम की अलग-अलग धाराओं के तहत जो मामला दर्ज किया गया है, उसमें तीन साल तक की सजा का प्रावधान है और साथ ही 10 हजार रूपये का जुर्माना भी लग सकता है। एक ही आरोपी अगर दूसरी बार इसी अपराध का दोषी पाया गया तो उसे सात साल की सजा और 25 हजार रूपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।